Sunday, August 22, 2021

Income Tax e-filing portal glitches: जानिए ई-फाइलिंग पोर्टल में यूजर्स को क्या आ रही दिक्कतें, सरकार Infosys को कितना कर चुकी है पेमेंट

नई दिल्ली। आयकर विभाग के नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल ( Income Tax e-filing Portal Glitches ) में लगातार खामियां सामने आ रही हैं। यही वजह है कि वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के चीफ सलिल पारेख ( Infosys chief Salil Parekh ) को तलब किया है।

पारेख सोमवार को सरकार को इस खामियों को लेकर अपना जवाब देंगे। मंत्रालय ने पारेख से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष यह स्पष्ट करने को कहा है कि दो महीने बाद भी पोर्टल ठीक से काम क्यों नहीं कर रहा है। जानते हैं सरकार ने इस पोर्टल को कब शुरू किया, इसमें यूजर्स को किन समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है, पोर्टल किसने बनाया और इस पर सरकार अब तक कितना खर्च कर चुकी है।

यह भी पढ़ेंः निर्मला सीतारमण आज लॉन्च करेंगी नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, 4 साल में बेचे जाने वाली सरकारी

क्या है ई-फाइलिंग पोर्टल
ई- गवर्नेंस योजना के तहत सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न के भरने के लिए Income Tax e-filing Portal की शुरुआत की। इस वेबसाइट के तहत यह पूरी तरह से नया पोर्टल है जो कि लोगों के ई-फाइलिंग को आसान बनाने के लिए तैयार किया गया।

इस पोर्टल का उद्देश्य करदाताओं और संबद्ध पक्षों के लिए आयकर संबंधी सेवाओं के वास्ते एकल खिड़की उपलब्ध कराना है।

इस साल 7 जून को सरकार ने नया इनकम टैक्‍स ई-फाइलिंग पोर्टल लॉन्‍च किया गया।

इन दिक्कतों का करना पड़ रहा सामने
ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रहीं आए दिन की दिक्कतों के कारण प्रोफेशनल व व्यापारी वर्ग को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आयकर विभाग द्वारा जारी किसी भी प्रकार के नोटिस के जवाब देने में ई-फाइलिंग पोर्टल पर काफी परेशानी आ रही हैं और आयकर रिटर्न डाउनलोड करने और आयकर रिटर्न दाखिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

टैक्‍सपेयर्स, टैक्‍स प्रोफेशनल और अन्‍य स्‍टेकहोल्‍डर्स ने नए पोर्टल में कई तरह की दिक्‍कतें बताई हैं। इसमें स्‍लो फंक्‍शन, कुछ फंक्‍शन का न होना और फंक्‍शन के दौरान तकनीकी दिक्‍कतें शामिल हैं।

इन्‍फोसिस को दी गई जिम्मेदारी
सरकार ने सेंट्रल पब्लिक प्रोक्‍यूरमेंट पोर्टल (CPPP) पर एक ओपन टेंडर के जरिए इन्‍फोसिस ( Infosys ) लिमिटेड को इंटीग्रेटेड ई-फाइलिंग एंड सेंट्रलाइज्‍ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC 2.0) प्रोजेक्‍ट के लिए यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट दिया गया था। इन्‍फोसिस को जनवरी 2019 से जून 2021 तक इस प्रोजेक्‍ट को तैयार करना था।

यह भी पढ़ेंः Petrol Diesel Price Today: एक हफ्ते में 80 पैसे सस्ता हुआ डीजल, जानिए आपके शहर में पेट्रोल का रेट

इन्फोसिस को इतना पेमेंट कर चुकी सरकार
लोकसभा ( Lok Sabha ) में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच इन्‍फोसिस को सरकार ने 164.5 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है।

8.5 साल के लिए इस प्रोजेक्‍ट का खर्च 4241.97 करोड़ रुपए था, जिसमें मैनेज्‍ड सर्विस प्रोवाइडर ( MSP ), जीएसटी, किराय, पोस्‍टेज और प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट कॉस्‍ट शामिल थी।

333_1.jpg

यूजर्स को आ रही बड़ी दिक्कतें
- यूजर्स को लॉगइन करने में ही दिक्‍कत हो रही है
- नहीं हो पा रहा रिफंड प्रॉसेस
- पिछला ई-फाइल रिटर्न नहीं देख पा रहे टैक्‍सपेयर्स
- रेमिटेंस यानी विदेश से भेजी गई रकम अटक गई, क्योंकि फॉर्म 15CA और फॉर्म 15CB अपलोड नहीं हो पा रहा
- भारतीय कॉरपोरेट को विदेशी कंपनियों की ओर से डिफॉल्टर बताया जा रहा है, जिसमें पेनल्‍टी का प्रावधान
- नए फर्म और नई कंपनियां रजिस्टर करने में असमर्थ
- प्रोफाइल अपडेशन में कई तरह का खामियां हैं, पैन कार्ड और आधार में बार-बार अपडेट मांगा जा रहा है



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3D9aNQh