नई दिल्ली। देश के सबसे अग्रणी बैंकों में शुमार भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने अपने करोड़ों खाताधारकों डिजिटल फ्रॉड से बचाने के लिए नया फीचर सिम बाइडिंग ( SIM Binding ) लॉन्च किया है। यह योनो ( Yono ) और योनो लाइट ( Yono Lite app ) ऐप को फुल प्रूफ बनाने का काम करेगा। यह एक नया सिक्योरिटी फीचर है। इसका नाम सिम बाइंडिंग (SIM Binding) है। यह एसबीआई अकाउंट होल्डर्स को डिजिटल फ्रॉड से बचाने का काम करेगा। इसका सुविधा का लाभ ग्राहक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए ही उठा सकते हैं।
एसबीआई के मुख्य डिजिटल अधिकारी राणा आशुतोष कुमार सिंह ने कहा है कि हमें एसबीआई के दो सबसे लोकप्रिय प्लेटफार्मों यानी Yono और Yono Lite में सिम बाइंडिंग सुविधा शुरू करने की खुशी है। नई सुविधा को लॉन्च करने के पीछे हमारा मकसद सभी ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा और सुविधाजनक और सुरक्षित ऑनलाइन बैंकिंग सेवा प्रदान करना है। एसबीआई में हमेशा ग्राहकों को उनके घरों में आराम से डिजिटल बैंकिंग सेवाएं करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
क्या है सिम बाइंडिंग?
सिम बाइंडिंग फीचर के ग्राहकों को डिजिटल फ्रॉड से बचाएगा। योनो और योनो लाइट के साथ सिम बाइंडिंग फीचर केवल उन डिवाइस पर काम करेंगे, जिनके मोबाइल नंबरों की सिम बैंक में रजिस्टर्ड हैं।
नया फीचर ऐसे करेगा काम
एसबीआई खाताधारकों को सिम बाइंडिंग, योनो और योनो लाइट के नए वर्जन का लाभ उठाने के लिए अपने मोबाइल ऐप को अपडेट करना होगा। इन ऐप पर एक बार फिर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा करना होगा। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरा करने के लिए बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का होना जरूरी है।ग्राहकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे उस डिवाइस के साथ खुद को रजिस्टर करें जिसमें रजिस्टर्ड कॉन्टैक्ट नंबर का सिम है। ग्राहक बैंक के साथ RMN के सिम का उपयोग करके एक ही मोबाइल डिवाइस पर योनो और योनो लाइट दोनों का उपयोग कर सकते हैं। यदि ग्राहक उस मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहा है जो बैंक के साथ रजिस्टर्ड नहीं है, तो वे योनो और योनो लाइट पर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को पूरा नहीं कर पाएंगे।
इसके अलावा नया सिम बाइंडिंग फीचर दो अलग-अलग यूजर्स को एक डुअल सिम हैंडसेट में अलग-अलग योनो और योनो लाइट का उपयोग करने की इजाजत देता है। बशर्ते कि दोनों यूजर्स के RMS के सिम डिवाइस में डाले गए हों।
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