नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी आज तीसरी बार केंद्रीय बजट पेश करेंगी। चूंकि वह खुद एक नारी हैं, ऐसे में महिलाएं उनसे सशक्तीकरण को और मजबूती से पेश किए जाने की उम्मीद कर रही हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकारी स्कीमों में वुमेन्स को प्राथमिकता दिए जाने एवं उनके लिए अलग से स्कीमें चलाए जाने की मांग की जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कुछ महिलाआों ने इस बारे में अपने विचार साझा किए।
चलाई जाए रोजगारपरक स्पेशल स्कीम
सेक्टर 62, नोएडा की एक आईटी कंपनी में कार्यरत मीनू अग्रवाल का कहना है कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना होगा। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा वुमेन्स को रोजगार से जोड़ना होगा। इसके लिए सरकार की ओर से स्पेशल स्कीम चलाई जानी चाहिए। जिसके तहत उन्हें स्किल्ड डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाए। हालांकि अभी सरकार की ओर से स्वाधार एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं जैसी स्कीमें चलाई जा रही है। मगर इन्हें और ज्यादा बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।
आवंटन राशि बढ़ाई जाए
महिलाओं के उत्थान के लिए सरकार की ओर से कई स्कीम संचालित की जा रही है, लेकिन कई बार बजट की कमी के चलते उनका संपूर्ण विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में सेक्टर 125 नोएडा में एक कंपनी में कार्यरत रागिनी अवस्थी का कहना है कि वित्त मंत्री को महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए बजट राशि बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा महिलाओं को लाभ मिल सकेगा।
भागीदारी में हो बढ़ोत्तरी
महिलाओं को सरकार की ओर से मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के तहत विशेष छूट दी जाती है। इससे वो सबल बनती हैं। सेक्टर 16, ग्रेटर नोएडा में रहने वाली अचला श्रीवास्तव का कहना है कि सरकार को इन योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी को और बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा बैंकों में भी उन्हें ज्यादा छूट दी जानी चाहिए। जिससे आर्थिक रूप से वो मजबूत बन सकें।
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