नई दिल्ली। वैसे तो कुछ महीनों से ऑटो सेक्टर से अच्छी खबरें सुनने को मिल रही थी, लेकिन न्यू ईयर के पहले दिन एक बुरी खबर सामने आई है। देश की बड़ी कंपनियों में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा और फोर्ड मोटर्स के बीच अनुबंध खत्म हो गया है। अब दोनों ही कंपनियां स्वतंत्र रूप से भारत में अपना कारोबार करेंगी। करीब 15 महीनों तक चले इस कॉलेबरेशन को तोडऩे का फैसला दोनों कंपनियों द्वारा आपसी सहमति से लिया गया है।
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फोर्ड ने क्या कहा
फोर्ड मोटर कंपनी के अनुसार दोनों कंपनियों ने अक्टूबर 2019 में एक निश्चित समझौता किया था, जिसकी समयसीमा 31 दिसंबर 2020 को खत्म हो चुकी है। पिछले 15 महीनों के दौरान महामारी के कारण वैश्विक आर्थिक और व्यावसायिक स्थितियों में बुनियादी बदलावों की वजह से यह निर्णय लेना पड़ा। ऐसे में फोर्ड और महिंद्रा ने अपनी पूंजी आवंटन की प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित किया। फोर्ड के बयान के अनुसार भारत में स्वतंत्र परिचालन यथावत जारी रहेगा।Ó अमरीकी कार कंपनी ने यह भी कहा कि महिंद्रा के साथ उसके जॉइंट प्रोजेक्ट जारी रहेंगे। इसका मतलब यह है कि महिंद्रा कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग समझौते के तहत फोर्ड के लिए कारों का निर्माण करती रहेगी।
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महिंद्रा ने दी जानकारी
महिंद्रा एंड महिंद्रा की ओर से बीएसई को दी गई जानकारी के अनुसार इस फैसले का उसके प्रोडक्ट प्लान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। प्रस्तावित जॉइंट वेंचर में दोनों कंपनियों की 51:49 फीसदी हिस्सेदारी थी। इसे भारतीय प्रतिस्पद्र्धा आयोग से पहले ही हरी झंडी मिल चुकी थी। गुजरात और तमिलनाडु सरकार की ओर से हरी झंडी का इंतजार था, कोरोनावायरस के कारण इसमें देरी हुई। आपको बता दें कि फोर्ड मोटर भारत सहित पूरी दुनिया में अपने बिजनस की समीक्षा कर रही है।
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