नई दिल्ली। भले ही उत्तर भारत के किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हों, लेकिन दक्षिण भारत के किसानों को खुश करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा कदम उठा लिया है। इससे देश के करीब 12 तटीय राज्यों के लाखों किसानों को काफी फायदा होगा।
जानकारी के अनुसार दक्षिण भारत की प्रमुख उपज नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 375 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर इसका मूल्य वर्ष 2020-21 के लिए 10335 रुपए घोषित कर दिया है।
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नारियल की एमएसपी में इजाफा
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बुधवार को हुई बैठक में नारियल (मिलिंग) का एमएसपी 9960 रुपए से बढ़ाकर 10335 रुपए प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि नारियल का लागत मूल्य 6805 रुपए प्रति क्विंटल है, जिसमें 52 प्रतिशत की वृद्धि कर किसानों को लाभकारी मूल्य दिया गया है।
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लाखों किसानों को होगा फायदा
जावडेकर ने बताया कि सूखा नारियल के मूल्य में 300 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है और इसका एमएसपी 10600 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। इसमें 55 फीसदी की वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से समुद्रीय तटीय 12 राज्यों के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर किसानों की नारियल उपज को निजी स्तर पर खरीद लिया जाता है। यदि बाजार में पर्याप्त उठाव नहीं होता है तो भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ नारियल की खरीद करेंगे।
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