मुंबई। राजनीतिक ड्रामे पर आधारित काल्पनिक वेब सीरीज ’तांडव’ ( Tandav Web Series ) 15 जनवरी को रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई। सैफ अली खान ( Saif Ali Khan ) स्टारर इस सीरीज के कुछ दृश्यों को लेकर सोशल मीडिया पर ’बैन तांडव’, बायकाॅट तांडव/अमेजन जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस विवादित दृश्य को धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला बताकर वायरल करना शुरू कर दिया। बात नेताओं, कलाकारों और फिर थाने में केस दर्ज होने तक पहुंच गई।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
’तांडव’ वेब सीरीज में एक्टर जीशान अयूब ( Mohd Zeeshan Ayyub ) पर एक दृश्य फिल्माया गया है। इसमें वह स्टेज पर एक नाटक में भगवान शिव का किरदार निभाते दिखे। साथ में एक अन्य कलाकार नारद बना हुआ भगवान शिव से सोशल मीडिया पर बात करता दिखता है। वह भगवान राम के बढ़ते फाॅलोअर्स से शिव जी को सचेत करता है। नारद बना कलाकार उन्हें सलाह देता दिखता है। इसी बीच शिव बने कलाकार की तरफ से बोले गए संवाद में बीप साउंड दिखाया जाता है, जो अपशब्द बोलने पर काम लिया जाता है। इसके बाद आजादी नारे को लेकर शिव की तरफ से संवाद दिखाया जाता है। इन दृश्यों पर विवाद खड़ा हुआ। धार्मिक भावनाएं आहत करने और राष्ट्रविरोधी नारे को जस्टिफाई करने के आरोप लगे। बहिष्कार और बैन की मांग होने लगी। सीरीज में एक जगह जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का भी आरोप है।
बीजेपी नेताओं ने जताया विरोध
आम लोगों के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विरोध में बढ़चढ़ कर भाग लिया। दिल्ली से बीजेपी कपिल मिश्रा ने अमेजन को इस संबंध में नोटिस भेजा। इसी दौरान एक मामला भी दर्ज हो गया। बीजेपी विधायक राम कदम ने इस बारे में निर्माता-निर्देशक और कलाकारों पर पहला केस दर्ज करवाया। मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ’तांडव’ टीम पर कार्यवाही की मांग की गई। हिन्दू देवताओं की गलत छवि दिखाने और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने के आरोपों के साथ उत्तर प्रदेश के हजरतगंज थाने में भी मामला दर्ज हुआ। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी सीरीज के विवादित दृश्यों पर आपत्ति जताते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को वेब सीरीज के प्रसारण से पहले सेंसर की मांग उठाई।
17वें और 22वें मिनट के दृश्यों पर केस
हजरतगंज थाने में ’तांडव’ टीम के खिलाफ एफआइआर सीनीयर सब इंस्पेक्टर अमर नाथ यादव ने दर्ज करवाई। उनके अनुसार, सीरीज के पहले एपिसोड के 17वें मिनट में हिन्दू देवी-देवताओं को गलत ढंग से दिखाया गया है और आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया है, जिससे धार्मिक तनाव की स्थिति बन सकती है। इसी एपिसोड के 22वें मिनट में जातिय संघर्ष को उकसाने वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। वेब सीरीज में सम्मानजनक प्रधानमंत्री के पद को भी अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है।
सोशल मीडिया पर निर्माताओं ने मांगी माफी
बढ़ते विरोध और लोगों के लामबंद होने के बीच ’तांडव’ के निर्माता-निर्देशक अली अब्बास जफर ( Ali Abbas Zafar ) ने सोशल मीडिया हैंडल्स पर ’तांडव’ टीम की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने जब माफी मांगी, उसी दिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लगातार मिल रही शिकायतों पर निर्माताओं का स्पष्टीकरण मांगा था। जफर ने अपने बयान में कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को मिली कई शिकायतों को देखने के बाद ऐसा सामने आया है कि सीरीज के कुछ दृश्यों से लोगों को आपत्ति है। टीम का किसी की भी भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं था। अगर फिर भी किसी को इससे तकलीफ पहुंची है, तो वे बिना शर्त माफी मांगते हैं। इसके बाद अपने दूसरे बयान में निर्माता ने कहा कि जिन दृश्यों पर आपत्ति है, उन्हें रिप्लेस किया जाएगा। टीम इस पर काम कर रही है। साथ ही भावनाओं को आहत करने को लेकर फिर से माफी मांगते हैं।
मुंबई हाईकोर्ट से मिली बेल
एफआइआर दर्ज होने के बाद निर्माताओं ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई। कोर्ट ने अली अब्बास जफर और अमेजन इंडिया हैड अपर्णा पुरोहित को जमानत दे दी। इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस हजरतगंज में दर्ज एफआइआर के आधार पर निर्माताओं से पूछताछ के लिए मुंबई रवाना हो गई थी। खबरों में बताया गया था कि निर्माताओं में से एक फरहान अख्तर ने पुलिस पूछताछ से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट की ली शरण
अलग-अलग जगहों पर दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए निर्माता-निर्देशक अली अब्बास जफर, लेखक गौरव सोलंकी और एक्टर जीशान अयूब ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने उन्हें संबंधित हाईकोर्ट में ही मामला उठाने का निर्देश दिया है।
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