नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ( ICC ) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( BCCI ) एक बार फिर टैक्स ( Tax ) मसले को लेकर आमने सामने आ गए हैं। इस मुद़दे पर गुरुवार को टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दो घंटे की बैठक के बाद दोनों शीर्ष संस्था के अधिकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। दो घंटे से कम की बैठक के बाद इस मुद्दे पर आगामी बैठक 10 जून तक के लिए टाल दिया गया। बताया जा रहा है कि 10 जून को टी-20 वर्ल्ड कप 2021 को लेकर अहम फैसला आ सकता है।
10 जून की बैठक में दोनों बोर्ड के प्रतिनिधि टी-20 विश्व कप 2021 मैच ( T-20 World Cup 2021 ) के आयोजन, टैक्स विवाद, मीडिया कवरेज और अन्य अधिकारों को लेकर अंतिम फैसला लेंगे। इस बीच आईसीसी ने एथिक्स कमेटी ( Ethics Committee ) को टैक्स विवाद ( Tax Dispute ) से जुड़े मसले की जांच करने को कहा। कमेटी को 10 जून से पहले रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
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आईसीसी के सीईओ ने कहा कि 10 जून को प्रस्तावित बोर्ड की बैठक से पहले एथिक्स कमेटी सभी मसलों की जांच कर अपनी रिपोर्ट आईसीसी को सौंपेंगी। रिपोर्ट के आधार पर 10 जून को T-20 विश्व कप की मेजबानी को लेकर अंतिम फैसला आने की उम्मीद है। इसका असर भारत में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के आयोजन को लेकर भारत की मेजबानी पर हो सकता है। आईसीसी की ओर से कहा गया है कि भारत को टैक्स विवाद पर जल्द फैसला लेने की जरूरत है।
विवाद क्या है?
दरअसल, आईसीसी ने बीसीसीआई से वर्ल्ड कप के लिए भारत सरकार ( Government of India ) से टैक्स में छूट लेने की बात कही थी, लेकिन बोर्ड इसमें नाकाम रहा। इस कारण आईसीसी ने वर्ल्ड कप की मेजबानी छीनने की धमकी दी है।
क्रिकेट वेबसाइट क्रिकेटइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीने में आईसीसी और बीसीसीआई के बीच ई-मेल के जरिए काफी बाते हुईं। आईसीसी चाहता है कि World Cup को लेकर बीसीसीआई अपनी सरकार से 756 करोड़ रुपए के नुकसान का छूट ले। यदि ऐसा नहीं होता है तो आईसीसी को करीब 100 मिलियन डॉलर ( करीब 756 करोड़ रुपए ) का नुकसान हो सकता है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए आईसीसी ने 29 अप्रैल को एक लेटर लिखकर बीसीसीआई से 18 मई, 2020 तक बगैर किसी शर्त के जवाब मांगा था। पत्र में कहा गया था कि 18 मई के बाद भारत ( India ) से कभी भी तत्काल प्रभाव से वर्ल्ड कप की मेजबानी छीनी जा सकती है। आईसीसी यह फैसला लेने का पूरा अधिकार रखता है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमेशा से ही टैक्स को लेकर काफी समस्या रही है।
दूसरी तरफ बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना है कि कोरोना संकट के बीच आईसीसी की ओर से टैक्स का मामला सरकार के समक्ष उठाना समझ से परे है। अभी 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में काफी समय है। अभी पूरी दुनिया में कोरोना ( coronavirus ) का संक्रमण है। पूरी दुनिया की सरकार इससे निपटने में व्यस्त है। ऐसे में आईसीसी और बीसीसीआई को टूर्नामेंट के लिए टैक्स छूट को लेकर सरकार से बात करना संभव नहीं है।
धूमल ने कहा कि आईसीसी हमें 2014 समझौता के तहत अंडरटेकिंग देने के लिए कह रहा है। जबकि टैक्स पर आईसीसी और बीसीसीआई को मिलकर सरकार से बात करना है। हम आईसीसी के साथ जाकर सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन ये वक्त बात करने के लिए सही समय नहीं है।
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BCCI ने 30 जून तक का समय मांगा
बीसीसीआई ने आईसीसी को जवाब में पत्र में लिखा है कि हम सरकार से टैक्स में छूट लेने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा परिस्थितियां बीसीसीआई के नियंत्रण में नहीं है। ऐसे में सरकार से छूट हासिल कर पाना मुश्किल हो रहा है।
बीसीसीआई ने आईबीसी से 30 जून तक का समय मांगा है। आईसीसी ने यह अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया।
आईसीसी के इस कड़े रुख के बावजूद बीसीसीआई अधिकारियों का मानना है कि बोर्ड के साथ चर्चा जारी है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि स्टार स्पोर्ट्स के कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक आईसीसी को दो इवेंट भारत को देने होते हैं।
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