नई दिल्ली। भारत के साथ जापान की साझेदारी कई क्षेत्रों में है, लेकिन मौजूदा दौर में जापान के लोन से मेट्रो सिटी दिल्ली में फेज-4 का काम होगा। जापान से मिले लोन से 12.5 किलोमीटर की मुकुंदपुर-मौजपुर मेट्रो लाइन का कार्य और जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम तक 28.9 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का विस्तार होना है। इसके अलावा एरोसिटी से तुगलकाबाद तक करीब 23.6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन का भी कार्य होगा। दिल्ली मेट्रो के इन निर्माण कार्यों के लिए जापान 79.44 अरब रुपये का लोन दे रहा है।
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बेंगलुरू में एयरपोर्ट तक होगी मेट्रो की पहुंच
जापान भारत से संबंधों को लेकर काफी संजीदा है, जापान दिल्ली मेट्रो के अलावा बेंगलुरू में भी मेट्रो के विकास के लिए लोन दे रहा है इससे बेंगलुरू में मेट्रो के दूसरे चरण का कार्य होगा। जापान से मिले लोन से बेंगलुरू के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट एरिया और केंपेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक मेट्रो की पहुंच हो जाएगी। इन कार्यों के लिए बेंगलुरू मेट्रो को जापान से करीब 33.10 अरब रुपये का लोन मिलने वाला है। अगर जापानी मुद्रा में देखें तो जापान भारत को मेट्रो के विकास के लिए 148.94 अरब रुपये यानी लगभग 225 अरब येन का कर्ज दे रहा है। इन सभी विकास कार्यों के लिए भारत में जापान के राजदूत सुजुकी सतोषी और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के अतिरिक्त सचिव सी. एस. मोहपात्रा ने शुक्रवार को एक समझौते पर दस्तखत किए। आपको बतादें जापान केवल दिल्ली और बेंगलुरू मेंट्रो भर के लिए लोन नहीं दे रहा है बल्कि राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी जापान के पैसे से विकास के कार्य होंगे।
जापान से मिले लोन से ही राजस्थान में सैकड़ों किमी तक पाइपलाइन से पीने का पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
29.79 अरब रुपये की लागत से राजस्थान के बाड़मेर और झुंझनू जिलों में जापान के ही लोन से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा और वाटर सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी। जबकि हिमाचल प्रदेश में खेती के एक बड़े प्रोजेक्ट के दूसरे चरण का कार्य भी जापान से मिले लोन से किया जाएगा।
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