60 और 70 के दशक में स्टाइल के मामले में देवानंद का कोई सानी नहीं था। देवानंद अपने गर्दन झुकाने, अलग तरह से चलने के लिए उन दिनों युवाओँ में बेहद चर्चित थे। युवा पीढ़ी कभी उनके कपड़ों को कॉपी करती तो कभी उनके चलने के स्टाइल को। उनका शर्ट के ऊपरी बटन को खुला रखकर पहनना युवाओँ में खास ट्रेंड बन चुका था।
इसके अलावा अभिनय की बात की जाए तो उसमें भी देवानंद अव्वल माने जाते थे। उन्हें बॉलीवुड में रोमांस किंग का टैग हासिल था। उऩकी डायलॉग डिलेवरी, लुक्स, हेयरकट सबकुछ उस जमाने में फैशन सैंस का हिस्सा था। जब वह अपने घर से बाहर निकलते तब हजारों फैन्स की भीड़ सड़कों पर जमा हो जाती थी। खून से लिखे खत मिलना तो देव साहब के लिए एक आम बात थी।
ऐसा ही वाकया सामने आता है जब देव साहब ने अपने सफेद शर्ट के ऊपर काले कोट वाले लुक को लेकर प्रचलित हुए थे। दरअसल देव साहब ने इस लुक एक बार आजमाया, तो उन्हें बेहद पंसद आया। अब हर हसीन मौके पर देव साहब इसी ड्रेस में नजर आते थे। देव साहब के इस लुक पर लड़कियों के साथ साथ लड़के भी फिदा थे। जब देव साहब इस लुक में बाहर निकलते तो लोग उन्हें देखने छत तक से कूद जाते थे। इस प्रकार छत से कूदना लोगों के लिए आत्मघाती साबित हो सकता था। इस पर चिंता जताते हुए उस समय कोर्ट ने देवानंद के काले कोर्ट पहनने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके बाद उनके फैन्स उन्हें फिर कभी काले कोर्ट में नहीं देख सके थे। यह बॉलीवुड के इतिहास में अब तक का सबसे हैरान कर देने वाला मामला था।
बॉलीवुड पर कई वर्षों तक राज करने वाले देव साहब पंजाब के एक छोटे से गांव में जन्मे थे। देव साहब का पूरा नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था। देवानंद मात्र 30 और एक्टर बनने का सपना लिए मुबंई पहुंचे थे। 1946 में उन्होनें ‘हम एक हैं’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। देव साहब ने अपने करियर लगभग 112 फिल्मों में काम किया। जिनमें बाजी, टैक्सी ड्राइवर, हाउस नंबर 44, गाइड, पॉकेट मार, प्रेम पुजारी, जॉनी मेरा नाम, ज्वेल थीफ आदि कई फिल्में सुपरहिट साबित हुईं।
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