नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों में जिस तरह सुधार हो रहा है, उससे निवेशकों का सेंटिमेंट सुधर रहा है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था 11 फीसदी की दर से विकास करेगी। पीएचडी चैंबर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 0.40 फीसदी रही। जून तिमाही में ग्रोथ रेट माइनस 23.9 फीसदी रही। सितंबर तिमाही में ग्रोथ रेट माइनस 7.5 फीसदी थी। सरकार ने आर्थिक गतिविधियों में सुधार को लेकर जो कदम उठाए, उसके कारण इकोनॉमी एक्टिविटी में सुधार आ रहा है।
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लगातार कदमों से आया सुधार-
अग्रवाल ने कहा कि पिछले 11 महीने में सरकार की तरफ से आर्थिक सुधार की दिशा में लगातार कदम उठाए गए, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक सुधार दिख रहा है। पीएचडीसीआइ इकोनॉमीजीपीएस इंडेक्स फरवरी, 2020 में 103 रहा था, जबकि फरवरी, 2021 में यह 122 अंक रहा था। यह इंडेक्स अप्रेल, 2020 में 43.8 तक पहुंच गया था।
ओईसीडी ने ग्रोथ रेट 12.6 फीसदी किया-
इससे पहले ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डवलपमेंट यानी ओईसीडी ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 12.6 फीसदी कर दिया है। उसका अनुमान है कि 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.4त्न की गिरावट आएगी। पहले उसका अनुमान 8 फीसदी गिरावट का था। अगले वित्त वर्ष के लिए पहले ग्रोथ का अनुमान 7.9 फीसदी रखा गया था।
इकोनॉमिक सर्वे का यह है अनुमान-
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आइएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें 11.5 फीसदी की तेजी आएगी। एक मार्च से पूरे देश में कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण चल रहा है। इसके कारण आर्थिक गतिविधियों में काफी सुधार हुआ है और आर्थिक परिदृश्य में भी तेजी आई है। इकोनॉमिक सर्वे 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2020-21) में ग्रोथ रेट माइनस 7.7 फीसदी रह सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 11त्न रखा गया है।
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