नई दिल्ली। इन दिनों ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई क्रांति आ रही है। टेस्ला से लेकर हार्ले डेविडसन तक सभी ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं। पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर आम आदमी भी अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार भारत में अगले एक वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है। एक कंपनी के सर्वे के अनुसार देश में लगभग 90 फीसदी उपभोक्ता इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए अधिक खर्चा करने के लिए भी तैयार है। इस सर्वे में 13 देशों के 9,000 लोगों से राय ली गई, इनमें भारत के एक हजार लोगों की राय ली गई है।
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उपभोक्ताओं की डिमांग यह है
सर्वे में शामिल अधिकतर भारतीय उपभोक्ताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि वाहन एक बार पूरी तरह चार्ज होने के बाद कम से कम 150 से 300 किलोमीटर तक चलना चाहिए। यदि ऐसा हो सके तो वे ज्यादा पैसा खर्च करके इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना पसंद करेंगे। यदि इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी पेट्रोल-डीजल गाड़ियों के समान ही पॉवर, स्पीड और बाकी सुविधाएं मिलें तो वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहेंगे।
जुलाई में किए गए इस सर्वे में 40 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए अन्य वाहनों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक खर्च करने के लिए तैयार है। भारत में दस में से तीन कार खरीदारों ने कहा कि वे पेट्रोल, डीजल के बजाय इलेक्ट्रिक या हाइड्रोजन से चलने वाला वाहन खरीदना पसंद करेंगे।
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कई राज्यों ने की ईवी नीति की घोषणा
भारत के कई राज्यों ने ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) नीति की घोषणा की है। गुजरात सरकार ने ई-वाहनों पर केन्द्र की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के ऊपर दस हजार रुपए की मांग प्रोत्साहन की पेशकश की है। महाराष्ट्र सरकार दस हजार ई-कारों पर पांच हजार रुपए के मांग प्रोत्साहन की पेशकश कर रही है।
ऑडी, मर्सिडीज बेंज भी है तैयार
लग्जरी कार निर्माता कंपनियां ऑडी और मर्सिडीज बेंज भारत में यात्री वाहनों के विद्युतीकरण की यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं। भारत में अब कई अन्य राज्य ऐसी नीतियां लेकर आ रहे हैं जो इलेक्ट्रिक चौपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने वाली हैं।
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