नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनियों के बाद अब सरकार डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए सख्त नियम बना रही है। इन नियमों के लागू होने के बाद उन्हें अपना बिजनेस मॉडल बदलना होगा। ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली कंपनियों को ग्राहकों का बहुस्तरीय नेटवर्क यानी पिरामिड बनाने तथा असामान्य लाभ की पेशकश की अनुमति नहीं होगी। सरकार ने ऐसी कंपनियों के नियमन और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए मसौदा जारी किया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (प्रत्यक्ष बिक्री) नियम 2021 तैयार किया है। 21 जुलाई तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।
एक ऑफिस जरूरी: ग्राहकों के बहुस्तरीय नेटवर्क से आशय योजना से एक या एक से अधिक ग्राहकों को जोडऩे से है। नए नियम में पिरामिड बनाने की इजाजत नहीं होगी। देश में एक जगह कार्यालय रखना ही होगा।
नियम न मानने पर जुर्माने का प्रावधान-
इससे पहले मंत्रालय ने 2016 में इन कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। ये दिशा-निर्देश परामर्श के रूप में थे। नियमों के मसौदे में प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। मसौदा नियम के अनुसार, ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली कंपनियों को ग्राहकों की बहुस्तरीय नेटवर्क योजना तथा एक से पैसा लेकर दूसरे को देने की योजना को बढ़ावा देने पर पाबंदी होगी।
डीपीआइआइटी से पास पंजीकरण अनिवार्य: इन कंपनियों को पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के लिए देश के संबंधित कानून के तहत तथा उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) के पास पंजीकरण कराना होगा। कंपनियों को अनुपालन अधिकारी, शिकायत निपटान अधिकारी तथा जांच एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा।
बदलना होगा बिजनेस करने का तरीका-
21 जुलाई तक लोगों से उपभोक्ता मंत्रालय ने मांगे हैं सुझाव ।
2016 में इन कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश किए गए थे जारी।
03 तरह के अधिकारी इन कंपनियों को अब करने होंगे नियुक्त।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3hmJBVj