नई दिल्ली। अकसर देखा जाता है कि कई लोग नौकरी बदलने के बाद अपने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का पूरा पैसा निकाल लेते है। बहुत कम लोग जानेते है कि पीएफ अकाउंट (PF Account) का पूरा पैसा निकालना आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है। इससे आपके भविष्य के लिए बन रहा बड़ी बचत समाप्त हो जाती है। ऐसा करने से पेंशन की निरंतरता नहीं रहती है। पीएफ का फायदा उठाने के लिए नई कंपनी ज्वॉइन करने से पीएफ को पुराने को जोड़ना चाहिए।
नौकरी छोड़ने के बाद भी मिलती है ये सुविधा
एक्सपर्ट का कहना है कि यदि कर्मचारी नौकरी छोड़ते हैं या किसी वजह से उनको नौकरी से निकाल दिया जाता है। ऐसी स्थिति में बहुत से लोगों अपना पीएफ कुछ साल के लिए छोड़ देना चाहिए। जरूरत नहीं होने पर तुरंत पैसे नहीं निकालना चाहिए। बहुत कम लोगों को पता है कि नौकरी छोड़ने के बाद भी पीएफ पर ब्याज मिलता है। नया रोजगार मिलने के साथ ही उसे नई कंपनी में ट्रांसफर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ेँः आपके पास है 1 रुपए का ये नोट तो आप कमा सकते हैं 7 लाख रुपए, जानिए कैसे
36 महीने में देन- लेन करना जरूरी
नौकरी छोड़ने के 3 साल तक पीएफ अकाउंट ब्याज मिलता है। अगर 36 महीने तक कोई देन- लेन नहीं होती है तो कर्मचारी का पीएफ अकाउंट निष्क्रिय खाते (In Operative Account) की श्रेणी में डाल दिया जाता था। ऐसे में अपने खाते को एक्टिव रखने के लिए कुछ रकम निकल सकते है। ऐसा करने से आपका पीएफ एकाउंट निष्क्रिय श्रेणी में जाने से बच सकता है।
यह भी पढ़ेँः दो रुपए का सिक्का आपको बना देगा मालामाल, बस पूरी करना होगी ये शर्त
मुफ्त में मिलता बीमा का लाभ
व्यक्ति को नौकरी लगने के बाद उसका पीएफ खाता खोला जाता है। जैसे ही कर्मचारी का पीएफ खाता खुलता है, तब वह बाई-डिफॉल्ट बीमित भी हो जाता है। कर्मचारी डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) के तहत कर्मचारी का सात लाख रुपए तक का बीमा होता है। ईपीएफओ के सक्रिय सदस्य की सर्विस अविध के दौरान मृत्यु होने पर उसके नामित या कानूनी वारिस को सात लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। यह लाभ कंपनियां और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराती हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2UjVx1p