नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आईपीओ जारी करने के संबंध में सहायता और परामर्श देने के लिए मर्चेंट बैंकर्स तथा विधि सलाहकारों से बोलियां आमंत्रित की गई हैं। निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) हिस्सेदारी बिक्री में सहायता और परामर्श के लिए 10 तक मर्चेंट बैंकर्स और एक विधि कंपनी की नियुक्ति करेगा। दीपम के नोटिस के अनुसार, बोली जमा करने की अंतिम तिथि छह अगस्त रखी गई है।
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उल्लेखनीय है कि हाल ही में आर्थिक मामलों की केंद्रीय समिति (CCEA) ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO जारी करने की अनुमति दी थी। इसके बाद से ही केन्द्र सरकार ने इस संबंध में अपनी तैयारियों को मूर्त रूप देना आरंभ कर दिया है। माना जा रहा है कि मार्च 2022 तक केन्द्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ जारी कर देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस विषय पर उठने वाले मुद्दों का निवारण करने के लिए केन्द्र सरकार एक मंत्रिमंडलीय समिति का भी गठन करेगी। यह समिति ही एलआईसी से जुड़े सभी विषयों पर निर्णय करेगी। समिति ही तय करेगी कि एलआईसी में सरकारी हिस्सेदारी किस प्रतिशत तक में बेची जाएगी और कितने शेयर जारी किए जाएंगे।
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आपको बता दें कि इस संबंध में काफी समय से चर्चा चल रही है। गत वर्ष दिसंबर में भी सरकार ने इस तरह के संकेत दिए थे। परन्तु इस वर्ष के बजट के दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने की घोषणा करते हुए कहा था कि LIC के IPO के जरिए सरकारी हिस्सेदारी बेची जाएगी। केन्द्र सरकार ने LIC IPO लाने के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स (SBI Capital Markets) और डेलॉयट (Deloitte) को अपना सलाहकार भी चुना है।
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