नई दिल्ली। ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने मार्केट में अपना आईपीओ लॉन्च कर जबदरस्त रिकॉर्ड बनाया है। लिस्टिंग के बाद कंपनी ने शुक्रवार को शेयर बाजार में एंट्री की और जबरदस्त प्रदर्शन किया। जोमैटो का शेयर अपने इश्यू प्राइस से 53 फीसदी प्रीमियम पर लिस्ट (Zomato Listing) हुआ था। इसने साथ ही 18 लोगों को एक ही दिन में डॉलर मिलिनेयर यानी 10 लाख डॉलर का मालिक बना दिया। कंपनी के 76 रुपए आईपीओ प्राइस से शुरू होकर 115 रुपए तक पहुंचा।
जोमैटो ने इनको बनाया मालामाल
जोमैटो कंपनी के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर गुंजन पाटीदार के शेयरों और ईसॉप्स की कीमत 363 करोड़ रुपए पहुंच गई। एक और को-फाउंडर और न्यू बिजनेसेज के हेड मोहित गुप्ता के ईसॉप्स की कीमत 195 करोड़ रुपए हो गई। कंपनी को कोफाउंडर और सीईओ दीपेंद्र गोयल की वर्थ 4,650 करोड़ रुपए (62.4 करोड़ डॉलर) पहुंच गई। दीपेंद्र की जोमैटो में 5.5 फीसदी हिस्सेदारी है जिसमें ईसॉप्स भी शामिल है।
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क्र.सं. | नाम | ईसॉप्स |
1. | दीपेंद्र गोयल | 369,471,500 |
2. | गुंजन पाटीदार | 28,877,000 |
3. | मोहित गुप्ता | 15,523,900 |
4. | सुरभी दास | 14,217,400 |
5. | गौरव गुप्ता | 14,197,300 |
6. | आकृति चोपड़ा | 11,845,600 |
7. | अक्षांत गोयल | 9,091,900 |
8. | अंकित क्वार्टा | 8,314,700 |
9. | राहुल गंजू | 5,668,200 |
10. | चैतन्या माथुर | 5,313,100 |
11. | दामिनी साहनी | 3,430,400 |
12. | मंजुनाथ | 2,407,243 |
13. | अजीत पासी | 2,030,100 |
14. | कुनाल स्वरूप | 1,715,200 |
15. | प्रशांत मलिक | 1,601,300 |
16. | अलंकित निसाद | 1,373,500 |
17. | दामिनी बल्ला | 783,900 |
18. | सिद्धार्थ झवर | 690,100 |
जोमौटो ने इन दिग्गज कंपनियों को पछाड़ा
जोमौटो की बंपर कमाई हुई। जिससे उसकी मार्केट वैल्यू 98,732 करोड़ रुपए हो गई। कमाई के मामले में जोमैटो दिग्ग्ज कंपनियों जैसे- टाटा मोटर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और कोल इंडिया से भी आगे निकल गया है। जोमैटो का आईपीओ का मूल्यांकन एक्सपर्ट्स ने करीब 60,000 करोड़ रुपए आंका था। मगर आईपीओ को 38 गुना ज्यादा बोलियां प्राप्त हुईं इसने सभी को हैरान कर दिया।
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क्या होता है ईसॉप
कई बड़ी कंपनियां सीनियर स्टाफ को खास प्रक्रिया के तहत अपने शेयर खरीदने का अवसर देती है। इसको इंप्लॉइज स्टॉक ऑप्शन प्लान (ESOP) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत कंपनी एक तरह से अपने स्टाफ को अपने शेयर खरीदने का अधिकार (rights) देती हैं। कर्मचारी इस प्रक्रिया के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर कंपनी का शेयर खरीद सकता है। हालांकि कंपनी किसी कर्मचारी को शेयर खरीदने के लिए बाध्य नहीं करती है।
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