नई दिल्ली। बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते है कोई स्टार इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच जाता है कि उसकी गिनती सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में की जाने लगती है तो कुछ ऐसे धराशाई हो जाते हैं कि आखिरी समय में उसे दाने-दाने को मोहताज होना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हुआ था 60 के दशक की खूबसूरत अभिनेत्री विमी के साथ। एक जमाने में यह एक्ट्रेस बॉलीवुड की शान हुआ करती थी। एक के बाद एक सुपरहिट फिल्म देने वाली अभिनेत्री अपनी सफलता को ज्यादा समय तक पचा नहीं पाईं, विमी को बचपन से ही फिल्मों में जाने का शौक था। लेकिन पढ़ाई खत्म होने के तुरंत बाद उनके परिवार वालों ने कोलकाता के मशहूर व्यापारी शिव अग्रवाल के साथ शादी करा दी।
शादी के बाद उन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए फिल्मों में कदम रखा और बॉलीवुड के सबसे बड़े निर्देशक बीआर चोपड़ा की फिल्म हमराज के लिए उन्हें कास्ट कर लिया गया। पहली ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। और वो रातों रात एक बड़ी स्टार बन गईं।
बड़े घर से थीं विमी
विमी ऐसे घराने से थीं जहां उन्हें पैसों की कमी नहीं थी। सिर्फ अपने शौक को पूरा करने के लिए वो फिल्मों में आई थीं। फिल्मों में काम करने के दौरान ही उन्होंने मुंबई में एक आलीशान घर खरीदा, इसके अलावा कई मंहगी गाड़ियां उनके पास थीं।
विमी का हुआ तलाक
फिल्मों में लगातार मिल रही सफलता के बाद विमी की जिंदगी जहां एक तरफ शान शौकत से भरी थी तो वहीं दूसरी ओर उनकी दूरिंया पति से बढ़ती जा रही थीं। और एक समय ऐसा भी आया कि उनके पति ने तलाक देकर इस रिश्ते को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
तलाक के बाद टूट गई विमी
अपनी शादी के टूटने का दर्द विमी को इतना हुआ कि वो पूरी तरह से डिप्रेशन में चली गईं। पति से तलाक मिलने के बाद वो पूरी तरह से टूट गईं।और एक्ट्रेस की जिंदगी ऐसे मोड़ पर आ गई जब उनकी फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर चलना बंद कर दिया। अब एक्ट्रेस अपने पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी से परेशान हो चुकी थीं। फिल्म में काम ना मिलने से एक्ट्रेस कर्ज में भी डूबने लगीं। क्योंकि जहां उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर आते थे वो भी मिलना बिलकुल बंद हो गए थे। इसके बाद वो शराब में डूबी रहने लगीं। जिसके चलते उनका लीवर खराब हो गया।
ठेले पर पर गया शव
आखिरी समय में विमी के पास पैसों की तंगी इस कदर बढ़ गई थी, कि वो दाने दाने को मोहताज रहने लगी थी। यहां तक कि जब उनकी मौत हुई तो उन्हें कंधा देने वाला तक कोई नहीं था। लोग बताते हैं कि उनकी मौत के बाद उनके शरीर को ठेले पर ले जाना पड़ा था। क्योंकि उनके पास इतना भी पैसा नहीं था कि उनकी शव यात्रा निकली जा सके।
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