नई दिल्ली। सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया ( Tata Aquire Air India ) टाटा समूह के नियंत्रण में जाएगी। एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में टाटा सन्स ( Tata sons ) ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बिड जीत ली है। अब जल्दी ही कंपनी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।
दरअसल एअर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप ( Tata Group ) और स्पाइसजेट (SpiceJet) के अजय सिंह ने बोली लगाई थी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बोली जीत ली है। दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है।
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एयर इंडिया एक बार फिर टाटा ग्रुप के पास आ गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Air India की बोली टाटा संस ने जीत ली है। मंत्रियों के एक ग्रुप ने टाटा ग्रुप के टेक ओवर प्रस्ताव पर सहमति जता दी है।
सरकार का मकसद दिसंबर 2021 तक Air India डील को पूरा करना है। सरकर अपना विनिवेश का टारगेट पूरा करने के लिए यह डील जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है।
यह दूसरा मौका है जब सरकार एअर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है। इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था।
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जे आर डी टाटा ने 1932 में की थी शुरुआत
जे आर डी टाटा ने 1932 में टाटा एयर सर्विसेज शुरू की थी। जो बाद में टाटा एयरलाइंस हुई। 29 जुलाई 1946 को यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी हो गई थी।
लेकिन 1953 में सरकार ने टाटा एयरलाइंस का अधिग्रहण कर लिया और यह सरकारी कंपनी बन गई।
करीब 68 वर्ष बाद एक बार फिर टाटा ग्रुप की टाटा संस ने इस एयरलाइन में दिलचस्पी दिखाई और सबसे ज्यादा कीमत लगाकर एयर इंडिया का दोबारा महाराजा बनने का मौका हासिल किया। बता दें कि टाटा संस की ग्रुप में 66 फीसदी हिस्सेदारी है, और ये टाटा समूह की प्रमुख स्टेकहोल्डर है।
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