Wednesday, October 13, 2021

देशभर में एक ही भाव पर मिलेगा सोना, सेबी जल्द जारी करेगा गाइड लाइन

मुंबई । भारत में स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज का परिचालन चालू वित्त वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है। देश में गोल्ड एक्सचेंज शुरू करने की रेस में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) शामिल हैं। बाजार नियामक सेबी इसके लिए गाइडलाइंस बनाने में जुटा है। उम्मीद है कि गोल्ड एक्सचेंज फरवरी-मार्च में शुरू हो जाएगा। गोल्ड एक्सचेंज सामान्य स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही काम करेगा, जहां हाजिर सोना खरीदा-बेचा जा सकेगा।

सर्राफा कारोबार बदलेगा : विशेषज्ञों का कहना है कि गोल्ड एक्सचेंज शुरू होने से सर्राफा कारोबार का स्वरूप बदल जाएगा। आभूषण उद्योग संगठित होगा। इससे लोगों को देशभर में समान भाव पर सोना खरीदने का विकल्प मिलेगा। अभी देश में सोने की कीमतें अलग-अलग होती हैं। गोल्ड एक्सचेंज शुरू होने पर सोना खरीदने वाले लोगों को डिजिटल रसीद मिलेगी और सोना वॉल्ट में जमा रहेगा। खरीदार सोने की फिजिकल डिलीवरी भी ले सकेंगे, लेकिन इसके लिए कुरियर चार्ज देना होगा।

गाइडलाइंस का मसौदा जारी -
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा कि स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज का इंतजार अगले कुछ महीनों में खत्म हो जाएगा। सेबी इस दिशा में काम कर रही है। गाइडलाइंस का मसौदा जारी हो चुका है। इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

न्यूनतम जोखिम -
मेहता ने कहा कि स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज के लिए संभावनाएं अच्छी हैं। इसीलिए तकनीकी कसौटी पर खरे जमे-जमाए घरेलू एक्सचेंज इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोना डिजिटल रूप में रखने से चोरी-लूट का जोखिम कम होगा। बीमा सुरक्षा के चलते नुकसान नहीं होगा।

अहमदाबाद बनेगा केंद्र -
स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज शुरू होने से मुंबई के साथ अहमदाबाद भी सर्राफा कारोबार का हब बनेगा। गिफ्ट सिटी में इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का प्लेटफॉर्म तैयार हो चुका है। सोना रखने के लिए वॉल्ट का इंतजाम भी हो चुका है। प्रस्तावित गोल्ड एक्सचेंज इसी से सोना खरीदेंगे। फिलहाल सर्राफा कारोबारी बैंकों के जरिए सोना आयात करते हैं।

आम लोगों के साथ जौहरियों को भी फायदा -
सर्राफा व्यापारियों के संगठन जीजेएफ के एक अधिकारी ने कहा कि गोल्ड एक्सचेंज से जौहरियों को फायदा होगा। सस्ता होने पर वे सोना बुक कर सकेंगे। जरूरत के हिसाब से ज्वैलरी बनाने के लिए फिजिकल डिलीवरी मंगा सकेंगे। ग्राहक भी क्षमता अनुसार सोना खरीदकर आभूषण बनवा सकेंगे। उन्हें ज्वैरर्स को सिर्फ मेकिंग चार्ज देना होगा।



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