नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट में छोटे निवेशकों की जबरदस्त भागीदारी और घरेलू - विदेशी निवेशकों के मोटे निवेश से वर्ष 2021 आईपीओ के लिहाज से सबसे अच्छा वर्ष साबित हुआ है।
आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन करने वाली कंपनियों की संख्या सौ के पार पहुंच गई है। जबकि वर्ष 2000 के बाद से औसतन हर वर्ष 40 कंपनियों ने ही इसके लिए आवेदन किया है। अगस्त में सबसे ज्यादा 28 कंपनियों और सितंबर में 21 कंपनियों ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्ट्स (DRHP) दाखिल किया है।
देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी देश के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ के लिए अगले महीने यानी नवंबर में आवेदन करेगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सरकार का इरादा अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च करने का है। इसके लिए अगले महीने सेबी के पास आईपीओ पेपर जमा कराए जाएंगे।
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इसलिए खास है एलआईसी का आईपीओ
केन्द्र सरकार ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। एलआईसी के आईपीओ के जरिए सरकार 75 से 90 हजार करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। देश के जीवन बीमा कारोबार में एलआईसी की हिस्सेदारी दो तिहाई से अधिक है। इस आईपीओ में दस फीसदी शेयर कंपनी के बीमाधारकों के लिए आरक्षित होंगे।
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स्टार्टअप्स का लिस्टिंग पर जोर
इस वर्ष अब तक 42 आईपीओ लॉन्च हो चुके हैं जबकि 30 से 40 लॉन्च होने के लिए पाइपलाइन में हैं। इस वर्ष कंपनियां एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी जुटाने की संभावना तलाश रही हैं। इस वर्ष स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने सूचीबद्धता पर ध्यान दिया है। जोमैटो की अच्छी लिस्टिंग के बाद पेटीएम, मोबीक्विक, नाइका और पैसा बाजार लिस्टिंग की तैयारी में हैं।
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