नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ( Ministry of Commerce and Industry ) की ओर से मई के कोर औद्योगिक उत्पादन ( Industrial Production Data ) के आंकड़ों को देखकर लगता है कि इकोनॉमी और घरेलू उद्योगों में सुधार ( Improvement in Economy and Domestic Industries ) देखने को मिल रहा है। भले ही मई के महीने में भी गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन अप्रैल के महीन के मुकाबले करीब 14 फीसदी का सुधार देखने को मिला है। यह राहत भी एग्रीकल्चर सेक्टर ( Agriculture Sector ) की वजह से ही देखने को मिली है। मई के महीने में एग्रीकल्चर सेक्टर में 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। आइए आपको भी बताते हैं कि किस सेक्टर की क्या राहत रही।
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23.4 फीसदी तक गिरा कोर सेक्टर
भारत के आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन की रफ्तार में मई 2020 में 23 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। यह जानकारी मंगलवार को सरकारी आंकड़ों से सामने आई है। हालांकि आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक में गिरावट की दर मई 2020 के दौरान आर्थिक गतिविधियों के आंशिक रूप से खोले जाने के कारण एक क्रमिक आधार पर धीमी हुई है। क्रमिक आधार पर आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक मई 2020 के लिए 23.4 फीसदी तक गिर गया। जबकि इसके पहले अप्रैल 2020 के दौरान यह 37 फीसदी गिरा था।
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किस सेक्टर में कितनी गिरावट
आठ प्रमुख उद्योगों की बात करें तो फर्टीलाइजर को छोड़कर सभी में गिरावट देखने को मिली है। मई में एग्रीकल्चर से जुड़े इस सेक्टर में 7.5 फीसदी की बढ़त दख्ेखने को मिली है। इस्पात में 48.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं सीमेंट 22.2 फीसदी गिरा है। इलेक्ट्रीसिटी में 15.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वही रिफाइनरी प्रोडक्ट में 21.3 फीसदी की गिरावट दख्ेख्ने को मिली है। आपको बता कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल आइटम्स का 40 प्रतिशत हिस्सा ईसीआई का है। जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और विद्युत शामिल हैं।
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मंत्रालय की ओर से आया बयान
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल और मई में लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर विभिन्न उद्योगों जैसे कोयला, सीमेंट, इस्पात, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी, कच्चा तेल आदि का उत्पादन काफी गिरा है। बयान के अनुसार फरवरी 2020 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर संशोधित कर 6.4 फीसदी देखने को मिली थी।
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