Sunday, July 26, 2020

IPG ने Air India की इस योजना को दी Delhi High Court में चुनौती, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली। एअर इंडिया ( Air India ) के वेतन कटौती या फिर बिना वेतन की छुट्टी ( Leave Without Pay ) पर भेजने के फैसलों का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इंडियन पायलट गिल्ड ( Indian Pilots Guild ) इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ( Delhi High Court ) तक आ गई है और याचिका तक दायर कर दी है। एअर इंडिया के एमडी ( Air India MD ) की ओर से ओर से बिना वेतन छुट्टी का आदेश 14 जुलाई को जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी को 6 महीने से लेकर 2 साल तक जिसे 5 सालों तक बढ़ाया जा सकता है का आदेश पूरी तरह से असंगत है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए। मतलब साफ है कि अब एअर इंडिया मैनेज्मेंट और पायलट पूरी तरह से आमपे सामने आ गए हैं।

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फैसलों का किया विरोध
आईपीजी के अनुसार एविएशन मिनिस्टर ने खुद तमाम स्टाफ की भूमिका और साहस की काफी प्रशंसा की हैै। इसके बाद भी देश की सेवा के लिए जान जोखिम में डालने के इनाम के बदले में एअर इंडिसा ने भी कर्मचारियों के भत्तों में कटौती को लागू कर दिया है, जो ठीक नहीं है। याचिका के अनुसार मौजूदा समय में नौकरियों की काफी किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बाद भी बिना वेतन के जबरन छुट्टी पर भेजने के फैसले से कर्मचारियों की जिंदगी में काफी कठिनाईयां आ जाएंगी। उनका सर्वाइव करना मुश्किल हो जाएगा। उन्हें अपने परिवार का पेट पालनार काफी मुश्किल होगा। इस फैसले को बिना किसी सुनवाई और समीक्षा के लागू करना न्याय के विपरीत है।

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इस फैसले से कर्मचारियों को होगा नुकसान
आईपीजी के अनुसार इस फैसले को कोर्ट में इसलिए चुनौती दी गई है क्योंकि एअर इंडिया के सीएमडी मनमाने फैसले करने का पूर्ण अधिकार मिल गया है। किसी भी कर्मचारी को 6 महीने से 5 सालों तक के लिए बिना वेतन के अवकाश पर भेज सकते हैं। ना उन्हें इस दौरान वेतन मिलेगा और ना ही कोई भत्ता। कर्मचारियों को आवास तक खाली करना होगा वर्ना उन्हें मार्केट वैल्यू पर किराया देना होगा। वहीं कर्मचारियों को एआई से लिए लोन और एडवांस को तुरंत वापस करना होगा। इसके अलावा कर्मचारी को किसी सरकारी अनुक्रम में नौकरी करने की अनुमति नहीं होगी। अगर वो केिसी दूसरी एयरलाइन में काम करना चाहेगा तो उसे एआई से परमीशन लेनी होगी। आपको बता दें कि आईपीजी के साथ एअर इंडिया मैनेजमेंट के साथ चार बैठक हुई थी।



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