Saturday, November 28, 2020

किसान आंदोलन उत्तर भारत में बढ़ा ना दे फल और सब्जियों की महंगाई, जानिए कैसे?

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के कारण दिल्ली से हरियाणा और पंजाब की तरफ जाने वाली सड़कों पर यातायात प्रभावित होने से देश की राजधानी में फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर असर पड़ा है। केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का प्रदर्शन रविवार को चौथे दिन दिन भी जारी है। एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी मंडी के रूप में शुमार दिल्ली की आजादपुर मंडी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से फलों और सब्जियों की आपूर्ति पर किसान आंदोलन के कारण असर पड़ा है। मंडी के काराबारियों ने बताया कि किसान आंदोलन को लेकर जगह-जगह जाम होने से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित हुई है।

आंदोलनकर्ताओं से अपील
आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा के अनुसार प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा, "किसी भी प्रदर्शन के दौरान दूध, फल, सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आपूर्ति नहीं रोकी जाती है, लेकिन यहां इनकी आपूर्ति रोकी जा रही है।" शर्मा ने कहा कि इससे प्रदर्शनकारी अपने ही किसान भाई को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसलिए फलों और सब्जियों की गाडिय़ों को न रोकी जाए।

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50 फीसदी से भी कम हो गई आवक
आजादपुर मंडी में इस समय पंजाब और हिमाचल से आलू की नई फसल की आपूर्ति हो रही है और मंडी में बीते मंगलवार को जहां 1,700 टन से ज्यादा आलू की आवक थी वहां शनिवार को घटकर 783.5 टन रह गई। इसी प्रकार, कश्मीर से सेब की आपूर्ति में कमी आई। शर्मा ने बताया कि मंडी में न सिर्फ आवक पर असर पड़ा है, बल्कि यहां से उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में फलों और सब्जियों की सप्लाई भी बाधित हुई है।

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ट्रांसपोटर्स की भी बढ़ी परेशानी
ट्रांसपोटर भी बताते हैं कि किसानों के आंदोलन से उत्तर भारत में ट्रकों की आवाजाही पर असर पड़ा है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल नवीन गुप्ता के अनुसार आंदोलन की वजह से जगह-जगह जाम लगने से ट्करों की आवाजाही प्रभावित हुई है, जिससे आवश्यक वस्तुओं व जल्द खराब होने वाली वस्तुओं का निर्बाध परिवहन नहीं हो पा रहा है।



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