नई दिल्ली । मोबाइल से बात करना और उस पर इंटरनेट इस्तेमाल करना जल्द और महंगा होने वाला है। दूरसंचार कंपनियां एक अप्रेल से दरों में वृद्धि करने की तैयारी में हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। कोरोना संकट और खासकर लॉकडाउन में जहां अन्य क्षेत्रों की मुश्किलें बढ़ीं। वहीं दूरसंचार कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) यानी प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हुआ है। हालांकि कंपनियों के बढ़ते खर्च को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। ऐसे में कंपनियां मोबाइल दरों को बढ़ाकर भरपाई करने की तैयारी में हैं।
एजीआर का भारी-भरकम बकाया-
दूरसंचार कंपनियों पर कुल एजीआर का बकाया 1.69 लाख करोड़ रुपए है। वहीं अभी तक सिर्फ 15 टेलीकॉम कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपए ही चुकाए हैं। एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपए, वोडाफोन आइडिया पर 50,399 करोड़ रुपए और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनियों को 10 फीसदी राशि चालू वित्त वर्ष में और शेष बकाया राशि आगे के वर्षों में चुकानी है।
-1.69लाख करोड़ है कुल एजीआर का बकाया।
-13 प्रतिशत तक बढ़ेगा दूरसंचार उद्योग का राजस्व।
- 38 प्रतिशत तक बढ़ सकता है ऑपरेटिंग मार्जिन।
- दूरसंचार कंपनियों के नकद प्रवाह में हुआ है सुधार।
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