नई दिल्ली। पिछले साल देश में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिला। तीन महीने से ज्यादा समय से देश का लाखों किया सरकार के खिनाफ धरने पर बैठा हुआ है, लेकिन किसान ने अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटे आैर देश में खेती को जारी रखा। जिसकी बदौलत इस साल देश में खाद्यान्न रिकाॅर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। खाद्यान्न उत्पादन में भारत फिर एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में खाद्यान्नों का उत्पादन 30.33 करोड़ टन रहने का आकलन किया गया है।
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जारी किए अांकड़ें
आंकड़ों के अनुसार, चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 12.03 करोड़ टन, गेहूं का रिकॉर्ड 10.92 करोड़ टन, पोषक व मोटा अनाज 493 लाख टन, मक्का 301.6 लाख टन, दलहनी फसल 244.2 लाख टन, दलहनी फसलों में तुअर 38.8 लाख टन, चना 116.2 लाख टन, तिलहनी फसल 373.1 लाख टन, तिलहनी फसलों में मूंगफली 101.5 लाख टन, सोयाबीन 137.1 लाख टन, सरसों 104.3 लाख टन रहने का अनुमान है। वहीं, गन्ने का उत्पादन 39.76 करोड़ टन और कपास का 365.4 लाख गांठ, एक गांठ में 170 किलो, जबकि पटसन व मेस्ता का उत्पादन 978 लाख गांठ, एक गांठ में 180 किलो रहने का अनुमान है।
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एग्रीकल्चर सेक्टर में तरक्की
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में देश तरक्की की राह पर तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2020-21 के लिए मुख्य फसलों के उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान ने इस बात को फिर सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों का रिकार्ड 30.33 करोड़ टन उत्पादन किसानों की अथक मेहनत, कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधान तथा केंद्र सरकार की किसान हितैषी सुविचारित नीतियों को साफतौर पर रेखांकित करता है।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का फोकस गांव-गरीब-किसान एवं किसानी पर है, जिसके सुपरिणाम परिलक्षित हो रहे हैं और चौतरफा कृषि सुधारों से इसे और बल मिलेगा, जिसका फायदा देश को दीर्घकाल तक होगा।
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