नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन के बीच मांग में गिरावट के कारण वित्त वर्ष 2021 में देश की जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद में 7.3 फीसदी गिरावट के बावजूद धन में वृद्धि दर्ज की गई है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार इस उथल-पुथल बीच देश में वित्तीय संपत्ति 13.7 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 3.4 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। वर्ष 2025 तक इसमें और तेजी से वृद्धि की संभावना है।
यह है प्रमुख कारण... देश में 2020 में क्षेत्रीय वित्तीय संपत्ति में 13.7 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2015 से 2020 के बीच प्रतिवर्ष 12.1 फीसदी की गति से ग्रोथ हुई है। दूसरी ओर खर्च प्रतिवर्ष 13.3 फीसदी हो रहा है जो वर्ष 2025 तक कम होकर 9.4 फीसदी होने का अनुमान है।
पारंपरिक से ज्यादा वैकल्पिक निवेश -
2020 में अधिक मुनाफे के लिए वैकल्पिक निवेशों को अपनाया। वह टे्रडिशनल इन्वेस्टमेंट के माध्यमों से दूर हो गए। इसके पीछे प्रमुख वजह थी कोविड काल में अच्छा रिटर्न देने वाले नए क्षेत्रों का खुलना। इससे इस उथल-पुथल के बीच भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। आने वाले समय में ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट के रूप में रियल एस्टेट अच्छा रिटर्न देने वाला क्षेत्र होगा।
यहां सबसे अधिक ग्रोथ -
रिपोर्ट के अनुसार बॉन्ड में 15.1 फीसदी के साथ सबसे तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद है। जीवन बीमा व पेंशन भविष्य में भी अच्छी वृद्धि का अनुमान है। अमरीका, एशिया (जापान को छोड़कर), पश्चिमी यूरोप विश्व में सबसे तेजी से धन समृद्धि होगी। संभावना है कि 2025 तक ये पूरी दुनिया की ग्रोथ का 87 फीसदी यहीं होगा।
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