नई दिल्ली। पत्रिका कीनोट सलोन में मध्यप्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के लौटने और अनलॉक-1 खुलने से कोरोना संक्रमण में एक उछाल आ सकता है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश में अभी सिर्फ 2922 एक्टिव केस हैं जबकि सरकार ने एक साथ 80 हजार लोगों के इलाज की व्यवस्था कर ली है।
मध्यप्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मंगलवार को पत्रिका कीनोट सलोन में सवालों के जवाब दे रहे थे। शो का मॉडरेशन पत्रिका के आलोक पंड्या और अभिषेक श्रीवास्तव ने किया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना से कोई मौत न हो यही हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में प्रदेश में कोरोना से रिकवरी रेट सिर्फ नौ प्रतिशत थी जो आज बढ़ कर 60 फीसदी से ऊपर है। रिकवरी के मामले में हम देश में दूसरे नंबर पर है, इसलिए कोरोना की चुनौती का मुकाबला करने के लिए मध्यप्रदेश पूरी तरह से तैयार है।
एक सवाल के जवाब में नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश ने सेंपलिंग का भी रेकार्ड बनाया है। अब प्रतिदिन 6 हजार सेंपल लिए जा रहे हैं। प्रदेश में 21 लैब काम कर रही है ये भी एक रिकार्ड है। अनलॉक-1 शुरू होते ही सड़कों पर बढ़ी भीड़ को लेकर मिश्रा ने कहा कि यह सामान्य मनोवैज्ञानिक स्थिति है। ग्रीन जिलों में भी ऐसा ही हुआ था। छूट मिलते ही लोग सड़कों पर आते हैं लेकिन एक सप्ताह में सब सामान्य हो जाएगा। मिश्रा ने कहा, कोरोना को लेकर लोग जागरूक हैं।
बदली है पुलिस के प्रति छवि-
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में लोगों के मन में पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति छवि में सकारात्मक बदलाव आया है। जब लोग घरों दुबके हुए तब पुलिस भीषण गर्मी में सड़क पर थी तो स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डाल कर लोगों को बचा रहे थे। ये दोनों ही वर्ग सम्मान के पात्र हैं।
प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर-
नरोत्तम मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस सरकार खजाना खाली होने का रोना रोती रही। हमारी सरकार बनते ही लोगो की भरपूर मदद हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को गेंहू खरीदी के ही 17457 करोड़ रुपए बांटे हैं। प्रदेश में मनरेगा के मजदूरों को प्रतिदिन 50 करोड़ रुपए मजदूरी के रूप में दिया जा रहा है। 23 लाख मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं। पंच परमेश्वर योजना के तहत एक हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए है। केंद्र से भी हमें राहत मिल रही है।यदि हमारा खजाना खाली होता तो हम क्या किसानों और मजदूरों की इतना पैसा कहा से देेते। कांग्रेस से हम यहीं कहेंगे कि जब जब धर्मात्मा राज करते है तो परमात्मा मदद करते हैं।
सिंधिया विरोध से नहीं खड़ी हुई भाजपा-
एक सवाल के जवाब में डॉ. मिश्रा ने कहा कि भाजपा पर ये आरोप सरासर गलत है कि वो सिंधिया राजपरिवार के विरोध से ग्वालियर-चंबल अंचल में खड़ी हुई है। मिश्रा ने कहा कि राजमाता विजयराजे सिंधिया ने तो भाजपा की नींव ही रखी थी। वसुंधरा राजे राजस्थान में मुख्यमंत्री रहीं और यशोधरा राजे सिंधिया मध्यप्रदेश में मंत्री रही है। ज्येातिरादित्य सिंधिया किसी समझौते के तहत भाजपा में नहीं आए, वे अपने परिवार में वापिस लौटे हैं।
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