नई दिल्ली। माइक्रो, स्मॉल मीडियम इंडस्ट्री ( MSME ) को पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) की ओर से कई राहत पैकेज का ऐलान भी किया है। ताकि इस सेक्टर को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जा सके। साथ ही देश की इकोनॉमी ( India Economy ) की रफ्तार को आगे बढ़ाया जा सके। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी इन तमाम योजनाओं का लाभ आम लोगों और उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इन पैकेज की सख्त जरुरत है। इसके लिए राज्य सरकारों ( State Govt ) को भी उतने ही कदम उठाने होंगे। इसी कड़ी में तमिलनाडु सरकार ( Tamil Nadu Govt ) ने एमएसएमई को राहत पहुंचएाने के लिए एक पोर्टल खोलने की योजना बनाई है। जिसके तहत इस पोर्टल से एमएसएमई लोन ( MSME Loan ) के लिए अप्लाई किया जा सकेगा। जरुरतमंद लोगों को बैंकों में जाने की जरुरत नहीं होगी। जरूरी डॉक्युमेंट्स इसी पोर्टल के माध्यम से जमा किए जा सकेंगे।
पोर्टल लांच करने की तैयारी
तमिलनाडु सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानी एमएसएमई को लोन देने के प्रोसेस को आसान बनाने के लिए एक पोर्टल लांच करने की तैयारी में है। तमिलनाडु के मंत्री एसपी वेलुमनी ने इस बात की जानकारी के जानकारी देते हुए कहा कि उनकी वरिष्ठ बैंक अधिकारियों और कारोबारियों के साथ इस बाबत बैठक हुई है, इस पोर्टल से कारोबारियों, नया कारोबार शुरू करने के इच्छुक और बैंकों के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कारोबारियों को बैंक जाने की जरुरत नहीं होगी। पोर्टल के माध्यम से जरुरी डॉक्युमेंट्स जमा करा सकेंगे।
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केंद्र को भी भेजे जाएंगे सुझाव
एसपी वेलुमनी ने जानकारी देते हुए कहा कि इन सुझावों को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे जाएंगे। वहीं उन्होंने बैंकों को भी आम कारोबारियों की परेशानियशें और लोन लेने में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने जानकारी दी कि कोयम्बटूर जिले में 15 लाख श्रमिकों के साथ 1.5 लाख से अधिक एमएसएमई हैं। कोरोनावायरस माहामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में करीब 8,284 छोटे उद्योगों को 554 करोड़ रुपए का लोन मुहैया कराया गया है।
केंद्र सरकार की ओर से किए गए एमएसएमई के लिए ऐलान
- मुश्किल में फंसे दो लाख एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ सबॉर्डिनेट डेट का प्रावधान।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के तहत 4,000 करोड़ रुपए की मदद।
- बैंक एमएसएमई के प्रमोटर्स को इकाई में अपनी मौजूदा हिस्सेदारी के 15 फीसदी के बराबर सबॉर्डिनेट डेट प्रदान करेंगे। अधिकतम सीमा 75 लाख रुपए तय।
- 10,000 करोड़ रुपए के कोष के साथ एक फंड ऑफ फंड की स्थापना करने का फैसला।
- एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपए के अधीनस्थ कर्ज को मंजूरी दी है। करीब 2 लाख एमएसएमई को मिलग फायदा।
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