नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच के सीमा विवाद ( India China Tension ) में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। जवानों के शहीद होने के बाद अब भारत चीन पर दूसरे तरीके से बड़ी कार्रवाई प्लान कर रहा है। जानकारी के अनुसार सरकार चीन से आने वाली एंटी बैक्टीरियल दवा पर सिप्रोफ्लोक्सासिन डाइड्रोक्लोराइड पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी ( Anti-Dumping duty on Ciprofloxacin Hydrochloride ) लगाने पर विचाचर कर रही है। आपको बता कि इस दवा पर शुल्क लगाने की याचिका पहले से ही दायर की गई थी। अब वाणिज्य मंत्रालय ( Ministry of Commerce ) के विभाग ने इस मामले में अपनी सिफारिश दे दी है।
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सरकारी विभाग की ओर से की गई सिफारिश
जानकारी के अनुसार आरती ड्रग्स लिमिटेड ने चीन से आने वाली सिप्रोफ्लोक्सासिन डाइड्रोक्लोराइड दवा पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की याचिका डाली थी। अब जब चीन से रिश्ते कड़वाहट में बदल रहे हैं, वाणिज्य मंत्रालय की जांच एजेंसी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमिडीज ने अपनी प्रीलिमरी रिपोर्ट के बाद चीन की दवा पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की सिफारिश कर दी है। जिसमें 0.94 डॉलर प्रति किलोग्राम से 3.29 डॉलर प्रति किलोग्राम तक ड्यूटी इंपोज करने को कहा गया है। आपको बता कि यह याचिका इसलिए डाली गई थी ताकि सस्ते उत्पाद शुल्क की वजह से इंडियन प्रोडक्ट्स के फ्यूचर को सेफ किया जा सके।
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चीन से डिपेंडेंसी कम करेगा भारत
इंडियन फार्मा सेक्टर पर चीन की डिपेंडेंसी काफभ्ी ज्यादा है। चीन की एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रीडियेंट से ही भारत की फार्मा कंवनियां दवाओं का प्रोडक्शन कर दुनियाभर में आयात करता है। आपको बता दें कि बल्क ड्रग्स एंड इंटरमीडियरीज सेक्टर की 68 फीसदी निर्भरता चीन से होने वाले आयात पर है। मौजूदा समय में भारत सरकार देश में ही एपीआई के प्रोडक्शन पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इसके लिए जल्द ही स्पेशल पैकेज की भी घोषणा की जा सकती है।
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