नई दिल्ली : आज ही के दिन 115 साल पहले 13 जून 1905 को दिग्गज भारतीय क्रिकेटर कुमार दलीप सिंह जी (Duleep Singh Ji) का जन्म हुआ था। इन्होंने आज से 80-90 साल पहले क्रिकेट में वह सारे कारनामे किए, जिसके लिए आज भी कई क्रिकेटर तरसते हैं। दलीप सिंह (Happy Birthday Duleep Singh Ji) का जन्म 13 जून 1905 में गुजरात के काठियावाड़ में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा राजकोट के राजकुमार कॉलेज में हुई। इसके बाद पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। बाकी की पढ़ाई इंग्लैंड के शेल्टनहोम कॉलेज से पूरी हुई। वह यहीं क्रिकेट खेलने लगे और काउंटी (County Cricket) में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम (England Cricket Team) में जगह बना ली। आजादी मिलने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया में भारत के हाई कमिश्नर (High Commissioner) भी बनाए गए।
रणजीत सिंह के थे रिश्तेदार
दलीपसिंह जी महान क्रिकेटर रणजीतसिंह जी (Ranjeet Singh Ji) के रिश्तेदार थे। जिनके नाम पर हर साल भारत का सबसे बड़ा घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) आयोजित होता है। दलीप सिंह को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वह भारत में भी पढ़ाई के दौरान क्रिकेट खेलते थे। इंग्लैंड गए तो काउंटी क्रिकेट खेलने लगे। यहीं से उनके पेशेवर करियर की शुरुआत हुई।
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इंग्लैंड की ओर से खेले टेस्ट
काउंटी में बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर दलीप सिंह जी ने इंग्लैंड की टीम में अपनी जगह बना ली। वह इंग्लैंड के लिए 12 टेस्ट खेले। इस दरमियान उन्होंने 995 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स में खेली गई उनकी 173 रन की पारी आज भी याद की जाती है। उन्होंने इस पारी में 321 गेंदों का सामना कर कुल 21 बाउंड्री लगाई थी। इसके बावजूद इस मैच में इंग्लैंड को हार मिली थी। ऑस्ट्रेलिया की ओर से डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) ने इस मैच में दोहरा शतक लगाया था। दलीप सिंह ने टेस्ट करियर में 3 शतक और 5 अर्धशतक लगाए।
काउंटी में तिहरा शतक भी है उनके नाम
प्रथम श्रेणी क्रिकेट की बात करें तो यहां भी उनका करियर टेस्ट करियर की तरह ही शानदार है। दलीपसिंह ने 205 मैच में कुल 15,485 रन बनाए। उनके नाम एक तिहरा शतक भी दर्ज है। 7 मई 1930 को ससेक्स की ओर से विस्फोटक पारी खेलते हुए उन्होंने नार्थेम्पटनशर के खिलाफ बेहतरीन 333 रन बनाए थे।
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उन्हीं के नाम पर खेली जाती है दलीप ट्रॉफी
दलीप सिंह का निधन 54 साल की उम्र में 1959 में बॉम्बे, महाराष्ट्र (अब मुंबई) में दिल का दौरा पड़ने से हो गया। दलीप सिंह की तबीयत कुछ वर्षों से खराब रहने लगी थी। उनके निधन के दो साल बाद 1961 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनकी याद में पहली बार दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया। इसका आयोजन तब से अब तक लगातार होता आ रहा है। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के बाद यह भारत का सबसे अहम घरेलू टूर्नामेंट माना जाता है।
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