Sunday, June 21, 2020

Haryana के बाद Maharashtra Govt ने दिया China को बड़ा झटका, 5 हजार करोड़ के Projects लगाई रोक

नई दिल्ली। चीन के साथ लगातार बढ़ती तनतनी बीच अब राज्य सरकारों की ओर से बड़े एक्शन लेने शुरू कर दिए हैं। हरियाणा सरकार ( Haryana Govt ) के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Govt ) की ओर से चीनी कंपनियों ( Chinese Companies ) के साथ हुए करार को रद कर दिया है। तीन प्रोजेक्ट्स के लिए हुए करार में करीब 5 हजार करोड़ रुपए निवेश और हजारों नौकरियों का समावेश था। आपको बता दें कि हाल ही हरियाणा सरकार ने पॉवर प्रोजेक्ट्स से चीनी कंपनियों के टेंडर्स को कैंसिल कर नए टेंडर जारी करने के आदेश दे दिए थे। उससे पहले बीएसएनएल ( bsnl ) और रेलवे ( Indian Railway ) भी चीनी टेंडर्स को कैंसिल कर चुके हैं।

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महाराष्ट्र सरकार ने दिया बड़ा झटका
चीन को महाराष्ट्र सरकार की ओर से बड़ा झटका मिला है। उद्धव सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ साइन की हुई तीन बड़ी डील को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ये तीनों ही डील करीब 5 हजार करोड़ रुपए की थी। इससे हजारों नौकरियां भी पैदा होंती। मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 इंवेस्टर समिट में ये तीनों डील इन की गई थी। राज्य के उद्योग मंत्री सौरभ देसाई के अनुसार तीनों ही डील गलवान हिंसा से पहले साइन हुई थीं। केंद्र सरकार को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है। हाल ही विदेश मंत्रालय की ओर से देश के सभी राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों को कहा गया था कि फिलहाल चीन के साथ कोई कारोबारी रिश्ता ना रखा जाए।

इन प्रोजेक्ट्स के लिए हुई थी डील
- पहला प्रोजेक्ट ग्रेट वॉल मोटर्स का 3,770 करोड़ रुपए का था जिसेे पुणे के पास ऑटोमोबाइल प्लांट लगना था।
- दूसरी प्रॉजेक्ट पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी और फोटोन का था, जिसकेे तहत 1 हजार करोड़ रुपये में यूनिट लगनी थी।
- तीसरा प्रॉजेक्ट हिंगली इंजिनियरिंग 250 करोड़ रुपए का था।

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रेलवे और बीएसएनएल भी दे चुके हैं झटका
- रेलवे ने भी चीनी कंपनी का ठेका रद्द करते हुए करीब 417 करोड़ का झटका दिया था।
- यह चीनी कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजायन इंस्टीट्यूट के पास था।
- कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे खंड पर सिग्नल और दूरसंचार का काम होना था।
- वही भारत सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल न करने को कहा है।
- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने सभी चीनी टेंडर्स को कैंसिल कर दिया है।
- इस कदम से चीन को करीब 3 हजार करोड़ का नुकसान होगा।



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