Wednesday, July 15, 2020

30 दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर Lungi Ngidi और Black lives matter के समर्थन में उतरे

जोहानिसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के 30 पूर्व क्रिकेटरों ने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' (Black lives matter) आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को बयान जारी किया और साथ में दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज लुंगी नगिदी (Lungi Ngidi) का बचाव भी किया। बता दें कि नगिदी ने भी इस मुहिम का समर्थन किया था। इसके बाद पूर्व क्रिकेटर पैट सिमकॉक्स (Pat Symcox), रूडी स्टेन (Rudy Steyn) और बोएटा डिप्पेनार (Boeta Dippenaar) उनकी आलोचना पर उतर आए थे। इन खिलाड़ियों की ओर से आलोचना किए जाने के बाद सबसे पहले नगिदी के समर्थन में दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर तबरेज शम्सी (Tabraiz Shamsi) आए थे। अब 30 और क्रिकेटरों उनके पक्ष में खड़े हो गए हैं।

इन प्रमुख क्रिकेटरों ने किया समर्थन

दक्षिण अफ्रीका के 30 पूर्व क्रिकेटरों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान जारी कर 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का समर्थन किया। इनमें मखाया नतिनी, हर्शेल गिब्स और वर्नोन फिलैंडर, एश्वेल प्रिंस, जेपी डुमिनी और पॉल एडम्स जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं। संयुक्त बयान में क्रिकेटरों ने कहा कि क्रिकेट में भी नस्लवाद बना हुआ है। यह उनके देश में भी दिखता है।

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इन खिलाड़ियों ने किया ब्लैक लाइव्स मैटर का विरोध

नगिदी ने जब ब्लैक लाइव्स मैटर के पक्ष में बयान दिया तो उनके इस बयान की पूर्व क्रिकेटर बोएटा डिपेनार, रूडी स्टेन और पैट सिमकॉक्स ने आलोचना की थी। डिपेनार और सिमकॉक्स ने कहा कि नगिदी को देश में श्वेत किसानों पर हो रहे हमलों के खिलाफ भी बोलना चाहिए। डिपेनार ने कहा कि उन्हें डर है कि 'ब्लैक लाइव्स मैटर' महज एक वामपंथी राजनीतिक आंदोलन बनकर रह जाएगा। सभी की जिंदगी मायने रखती है।'

वहीं सिमकॉक्स ने कहा कि यह बकवास है। वो निजी तौर पर जो चाहे कहें, लेकिन पूरे दक्षिण अफ्रीका को इसमें शामिल नहीं करे, जबकि पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज रूडी स्टेन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि उनका मानना है कि दक्षिण अफ्रीकियों को नस्लवाद के खिलाफ खड़े होना चाहिए, लेकिन जिस तरह से श्वेत किसानों की अनदेखी हो रही है और उन्हें मारा जा रहा है, 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को मेरा वोट नहीं जाता।'

रंगभेद नीति के कारण बाहर रह चुकी है दक्षिण अफ्रीका

बता दें कि रंगभेद नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निष्कासित कर दिया गया था और वह लंबे समय तक बाहर रही थी। अब सरकारी नीतियों में बदलाव आया है और टीम में श्वेत और अश्वेत खिलाड़ियों की भागीदारी रहती है।

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अमरीका से शुरू हुआ है यह आंदोलन

अमरीका में एक श्वेत पुलिस अधिकारी की बर्बरता के कारण अफ्रीकी-अमरीकी मूल के एक व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की हिरासत में मौत हो गई थी। इसके बाद से 'ब्लैक लाइव्स मैटर' मुहिम ने पूरी दुनिया में जोर पकड़ लिया है। इस अभियान के पक्ष में वेस्टइंडीज के कई क्रिकेटर हैं तो वहीं इंग्लैंड में खेली जा रही टेस्ट सीरीज में भी वह 'ब्लैक लाइव्स मैटर' का लोगो पहन कर मैदान पर उतर रहे हैं।



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