नई दिल्ली | फेमस कोरियोग्राफर सरोज खान ने शुक्रवार को दुनिया को अलविदा (Choreographer Saroj Khan Died) कह दिया। कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका मुंबई में निधन (Saroj Khan cardiac arrest) हो गया। बता दें कि सरोज खान को 17 जून से सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हुई थी। उन्हें गुरुनानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया (Saroj Khan admitted in hospital) था। उसके बाद उनकी हालत में सुधार की खबरें भी आई थीं। सरोज खान के निधन से बॉलीवुड (Saroj Khan shocking death for bollywood) को बड़ा सदमा लगा है। एक के बाद एक फिल्म इंडस्ट्री ने बड़े नगमे पिछले कुछ महीनों में खो दिए हैं।
सरोज खान ने अपने करियर बतौर बैकग्राउंड डांसर (Saroj Khan background dancer) शुरू की थी उसके बाद एक असिस्टेंट कोरियोग्राफर के तौर पर उन्होंने काम काम किया। उन्होंने पहली बार फिल्म 'गीता मेरा नाम' में कोरियोग्राफी (Saroj Khan first choreograph song) की थी। 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ करने वाली सरोज खान फिल्म इंडस्ट्री को आइकोनिक स्टेप्स (Saroj Khan iconic steps) देने के लिए जानी जाती हैं। आज भी लोग उनके गानों के डांस मूव्स कॉपी करते हैं। सरोज खान की प्रोफेशनल लाइफ जितनी सफल रही उतनी ही उनकी पर्सनल जिंदगी मुश्किलों से भरी रही। उनका असली नाम नागपाल था।
ट्रेनिंग के दौरान सरोज खान को हुआ था प्यार
दरअसल सरोज खान का परिवार पार्टिशन के बाद पाकिस्तान से भारत से आ गया था। उस वक्त सरोज खान बहुत छोटी थी। बाद में उनकी मुलाकात कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल(B. Sohanlal) से हुई और यहीं से उनकी लव स्टोरी की शुरुआत भी (Saroj Khan B. Sohanlal lovestory) हुई। हालांकि सोहनलाल, सरोज खान से उम्र में बहुत बड़े थे। दोनों के बीच लगभग 30 साल का फासला (30 years gap in Saroj and Sohanlal) था लेकिन प्यार में उम्र की कोई सीमा नहीं होती ये बात यहां सच हुई। सोहनलाल से ट्रेनिंग लेने के दौरान ही सरोज खान और उनका प्यार परवान चढ़ा और दोनों ने शादी कर (Saroj Khan married Sohanlal) ली। सरोज खान ने इस्लाम धर्म भी कबूल किया (Saroj Khan accepted Islam religion) और यहीं से उनको ये नाम भी मिला। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 13 साल थी जबकि सोहनलाल 43 साल के थे और ये उनकी दूसरी शादी (Sohanlal second marriage with Saroj Khan) थी।
सरोज खान ने एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी। इस्लाम धर्म कबूल करने को लेकर उनसे कई बार सवाल पूछा गया था। इस पर उन्होंने बताया था कि मुझपर किसी ने कोई दबाव नहीं डाला। मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म ग्रहण किया था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है।
सरोज खान के बच्चों को अपनाने से किया इंकार
सरोज खान जब बेटे राजू को जन्म दिया तब उन्हें सोहनलाल की पहली शादी के बारे में पता चला। उन्होंने बताया था कि मेरी शादी हुई तब मुझे नहीं पता था कि वो शादीशुदा हैं। ये मुझे बेटे राजू खान के जन्म के दौरान पता चला। मेरे दूसरे बच्चे की मौत 8 महीने बाद ही हो गई थी। बच्चों के होने के बाद सोहनलाल ने उन्हें नाम देने से इंकार कर दिया और यहीं से दोनों के रिश्तों में दरार आ (Saroj Khan marriage not last long) गई। हालांकि जब कुछ सालों बाद सोहनलाल को हार्ट अटैक आया तब सरोज फिर उनके पास आईं। इस दौरान उन्होंने बेटी कुकु को जन्म दिया। सरोज खान के चार बच्चे हैं जिनकी परवरिश उन्होंने अकेले ही की और अनगिनत गानों को कोरियोग्राफ करके अपना मुकाम बनाया।
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