नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव ( Bihar Assembly Polls ) का बिगुल बज चुका है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने पहले चरण के मतदान के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव के साथ ही राजनीतिक दलों का फोकस अपनी परंपरागत सीटों को बचाने और नई सीटों को कब्जाने पर लगा है। चुनाव के बीच ऐसी ही एक सीट ऐसी है जहां ना तो सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड जीत हासिल कर सकी है और ना ही राष्ट्रीय जनता दल को जीत नसीब हुई है।
इस सीट पर इन दोनों ही दिग्गज राजनीतिक दलों को हार का ही मुंह देखना पड़ा है। ये सीट है कटिहार जिले के 7 विधानसभा सीटों में से एक कधवा। दरअसल इस सीट पर कांग्रेस और निर्दलीयों का दबदबा रहा है।
कोरोना इलाज के लिए बन रही नकली दवा, 1 लाख में बेचा जा रहा था एक इंजेक्शन, ऐसे हुआ सबसे बड़ा खुलासा
बिहार चुनाव के बीच अब जेडीयू और आरजेडी दोनों की ही नजर उन सीटों पर जीत के लिए टिकी हैं जहां उन्हें कमोबेश हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसी ही एक सीट है कधवा। जहां अब तक दोनों ही दलों को जीत नसीब नहीं हुई है।
इस सीट पर अब तक 13 चुनाव हुए हैं। इनमें 5 बार कांग्रेस, 4 बार निर्दलीय जीत चुके हैं। खास बात यह है कि इस सीट पर दो-दो बार बीजेपी और NCP भी जीत दर्ज कर चुकी है। लेकिन आरजेडी और जेडीयू नहीं जीत सकी हैं। कांग्रेस ने भी 2015 में करीब 30 साल बाद यहां जीत हासिल की थी।
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र
पिछले चुनाव यानी 2015 में इस सीट पर कांग्रेस के शकील अहमद खान ने बीजेपी के चंद्र भूषण ठाकुर को 5,799 मतों से हराकर कब्जा जमाया।
जबकि 2010 में यहां से बीजेपी के भोला राय जीते थे। वहीं फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 के चुनाव में यहां से NCP के अब्दुल जलील ने जीत अर्जित की। आपको बता दें कि ये इलाका अल्पसंख्यक बाहुल्य है।
ऐसे में इस बार आरजेडी और जेडीयू दोनों चाहेंगे कि इस सीट पर कब्जा जमाकर अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बना सकें।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3cINPTk