नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव ( bihar assembly election ) के दूसरे चरण का चुनाव प्रचार थम चुका है। तीन नवंबर को 17 जिलों की 94 सीट पर मतदान होना है। लेकिन बिहार के चुनाव में इन दिनों राजनीतिक पार्टियां अपने भाषणों और वार-पलटवार में 'डबल' पंच का जमकर तड़का लगा रही हैं। फिर चाहे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों, राजद सुप्रीमो लालू प्रासद यादव या फिर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला। हर किसी की जुबान पर डबल का पंच तो है, लेकिन मायने अलग-अलग हैं।
आईए जानते हैं बिहार चुनाव अचानक इस डबल पंच ने आखिर कैसे एंट्री ली और क्यों इसका बार-बार इस्तेमाल शुरू हो गया।
'डबल' पंच से पीएम मोदी ने साधा निशाना
अपनी चुनावी रैली के दौरान रविवार को पीएम मोदी ने सबसे पहले 'डबल' पंच के जरिए विरोधियों पर निशाना साधा। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- बिहार में एक तरफ डबल इंजन की सरकार है तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं। एक तो जंगल राज के युवराज भी हैं। ऐसे ही डबल युवराज को आप लोगों ने उत्तर प्रदेश में भी पहचाना था। यहां पीएम मोदी का इशारा अखिलेश यादव और राहुल गांधी के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए गठबंधन की ओर था।
तेजस्वी ने भी डबल पर पूछे चौबल सवाल
पीएम मोदी के डबल इंजन वाले बयान के बाद गठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने भी पीएम मोदी ने चौबल यानी चार सवाल पूछ डाले। तेजस्वी ने कहा- आदरणीय प्रधानमंत्री जी आपने यह नहीं बताया कि डबल इंजन सरकार के चलते बिहार में बेरोजगारी दर 46.6 फीसदी क्यों है? एनसीआरबी के आंकड़ों में बिहार अव्वल क्यों है? प्रदेश के हर दूसरे घर से पलायन क्यों होता है? और नीति आयोग के मुताबिक शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार पीछे क्यों है?
पीएम मोदी के 'डबल' पंच का असर बिहार की राजनीति में साफ दिखाई दे रहा है। सभी राजनीतिक दलों ने इस अपने-अपने अंदाज में 'डबल' पंच का तड़का लगाया है। अब देखना ये है कि दूसरे चरण के मतदान में ये पंच वोटों को डबल कर पाता है या नहीं।
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