नई दिल्ली। देश में पांच साल में पहली स्पेक्ट्रम नीलामी मंगलवार को संपन्न हो गई। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि विभिन्न दूरसंचार कंपनियों ने 77,814.80 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम खरीदा। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने दो दिन की नीलामी में 55 फीसद स्पेक्ट्रम 57,123 करोड़ रुपए में खरीदे। रिलायंस जियो ने देश में सभी 22 सर्किलों में स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का अधिकार हासिल कर लिया हैं उसने कुल 488.35 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया। इस तरह उसका पास 1,717 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम (अपलिंक और डाउनलिंक) हो गया है।
नीलामी में खास-
-नीलामी में पेश कुल रेडियो तरंगों (मेगाहट्र्स) में से दूरसंचार कंपनियों ने काफी कम स्पेक्ट्रम खरीदे।
-स्पेक्ट्रम की खरीद भी आरक्षित मूल्य पर की गई है।
- 700 और 2500 मेगाहट्र्ज में कोई बोली नहीं लगी।
- नीलामी में 700 मेगाहट्र्ज बैंड के स्पेक्ट्रम का हिस्सा एक-तिहाई था। 2016 की नीलामी में भी यह स्पेक्ट्रम बिल्कुल नहीं बिका था।
सरकार ने बताया बेहतर राजस्व-
- चालू वित्त वर्ष में 19,000 से 20,000 करोड़ रुपए मिलेंगे।
- कोरोना महामारी व दूरसंचार क्षेत्र में दबाव के बीच नीलामी अनुमान से अधिक।
ये विकल्प भी-
सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान और किस्तों में भुगतान का विकल्प।
अन्य कंपनियों के हाल-
-भारतीय एयरटेल ने 18,699 करोड़ रुपए में 355.45 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम खरीदा।
-वोडाफोन आइडिया ने 1,993.40 करोड़ रुपए में 11.80 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम खरीदा।
5जी के लिए जरूरी
हमने अपने स्पेक्ट्रम को बढ़ाया है। जल्द ही देश में 5जी सेवा शुरू करेंगे।
- मुकेश अंबानी, चेयरमैन रिलायंस इंडस्ट्रीज
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