नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आज शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने वाले है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) आज सुबह 10 बजे वर्चुअली समीक्षा पर संबोधित करेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक का शुक्रवार को आखिरी दिन है और नई पॉलिसी का ऐलान किया जाएगा। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते पैदा हुई अनिश्चितता के कारण नीतिगत दरों में यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला लिया सकती है। इसके पहले 5 बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि देश के राज्यों में लॉकडाउन और कोरोना पाबंदियों ने ग्रोथ रिकवरी के मोर्चे पर चिंता पैदा कर दी है।
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ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। हर दो महीने के अंतराल पर मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक होती है। आरबीआई ने अप्रैल में हुई पिछली एमपीसी बैठक में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इस समय रेपो रेट 4 फीसदी पर और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है। कोविड-19 की दूसरी लहर से औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट के बावजूद आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।
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महंगाई नियंत्रण सबसे बड़ी प्राथमिकता
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ब्याज दरें तय करने से पहले मौजूदा खुदरा महंगाई दर का आंकलन करती है। जो अप्रैल में गिरावट के साथ 4.29 फीसदी पर रह गई थी। आरबीआई को मार्केट में लिक्विडिटी भी बनाए रखना जरूरी है। इस मामले में आरबीआई अच्छी स्थिति में है। होम लोन की बात करें तो इसकी ब्याज दरें कम है। ऐसे में होम लोन ग्राहकों के लिए ईएमआई कम होने की संभावना कम नजर आ रही है। मांग में कमी के बावजूद बैंक कंज्यूमर लोन, ऑटो लोन की दरों को भी बैंक अब कम नहीं करने के मूड में नहीं दिखते। इसके साथ ही आरबीआई के सामने महंगाई नियंत्रण सबसे बड़ी प्राथमिका है।
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