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कोयला और बिजली संकट से जूझ रहे राजस्थान के बिजलीघरों में अडानी एंटरप्राइजेज इंडोनेशिया से कोयला पहुंचाएगा। राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने यह काम अडानी समूह को सौंपा है। फिलहाल 5.79 लाख मीट्रिक टन कोयला आयात किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत करीब 1042 करोड़ रुपए आंकी गई है। खास यह है कि इससे बिजली उत्पादन लागत 35 पैसे यूनिट महंगा (कोयला आयात करने तक) हो जाएगा। इसका भार विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। संभवत: यह फ्यूल सरचार्ज के रूप में लेंगे। अफसरों ने विदेशी कोयला आयात करने के लिए केन्द्र सरकार के निर्देश का हवाला दिया है। इसमें कोयले के सीमित भंडार का कारण गिनाया गया। बता दें राजस्थान के पास सिर्फ 5-6 दिन की जरूरत के लायक ही कोयला बचा है और इसलिए अब राजस्थान सरकार के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था।
सिर्फ एक ही कंपनी निकली पात्र
निविदा में दो फर्म शामिल हुईं, लेकिन एक फर्म ने तो निर्धारित दस्तावेज ही जमा नहीं कराए। इसलिए केवल अडानी एंटरप्राइजेज ही सफल हुई। कंपनी को इंडोनेशिया से लाकर बिजलीघर में कोयला पहुंचाना होगा। कोयला खरीद और परिवहन की कुल लागत 18 हजार रुपए प्रति टन है। हालांकि, कंपनी जब विदेश से कोयला लेगी, उस समय की लागत से बिलिंग होगी। बता दें कोल इंडिया ने जून के सप्लाई स्टॉक में से 1.21 लाख टन कोयला घटाया है।
पांच माह तक किस्तों में आएगा कोयला
राज्य विद्युत विनियामक आयोग के सीएमडी आर.के. शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देश हैं कि विदेश से कोयला आयात करें। निविदा के जरिए अडानी एंटरप्राइजेज को काम सौंपा है। इंडोनेशिया से कोयला पांच माह तक किस्तों में आएगा।
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