नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट के बीच कांग्रेस ( Congress ) पार्टी में एक बार फिर आतंरिक कलह शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ( Sanjay Jha ) ने एक आर्टिकल के जरिए पार्टी के आंतरिक कामकाज पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, पार्टी के अन्य नेताओं ने उनके विचारों का खंडन किया है।
प्रवक्ता संजय झा ने पार्टी पर उठाए सवाल
एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) COVID-19 को लेकर केन्द्र सरकार ( Central Government ) के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं और लगातार निशाना साध रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ( Sanjay Jha ) ने पार्टी के आंतरिक कामकाज पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि पार्टी के पास एक आंतरिक मजबूत तंत्र नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के अंदर सदस्यों की बात नहीं सुनी जाती है। संजय झा ने एक लेख के द्वारा अपनी बात कही है। संजय झा के इस विचार पर पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ( Ajay Maken ) ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पार्टी में आंतरिक चर्चा में कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी चाहता हूं, अपना विचार रख सकता हूं।
मनीष तिवारी और अजय माकन ने किया खंडन
अपने लेख में झा ने यह भी कहा कि पार्टी सरकार के विफल होने पर लोगों को शासन का कोई वैकल्पिक विवरण प्रस्तुत नहीं कर सकती। लेकिन पार्टी ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( EX President Rahul Gandhi ) ने विकल्प पेश किया है और कई उपाय सुझाए हैं। इतना ही नहीं पार्टी अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) ने भी कई पत्र भी लिखे हैं। पार्टी ने कहा कि प्रवासियों ( Migrants ) को घर भेजने की सुविधा देने में सोनिया गांधी का हस्तक्षेप था और पार्टी संकट में पड़े लोगों की मदद करने में तत्पर थे। हाल ही में एक अखबार के कॉलम में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ( Manish Tiwari ) कहा था कि 2014 के बाद के प्रवक्ताओं की नियुक्ति के दौरान उनके खुद के अनुभव को लंबे समय के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि झा के साथ एक संयुक्त कॉलम का मतलब यह नहीं था कि वह उनके व्यक्तिगत विचारों से सहमत थे।
क्या कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है?
AICC प्रवक्ता माकन ने रविवार को नव-गठित सलाहकार समूह का उल्लेख किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी शामिल हैं, जो शिकायतों और सुझावों के लिए पैनल के रूप में शामिल हैं। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मुझे पता है कि सलाहकार समूह में कई ऐसे हैं, जो झा के बहुत करीब हैं और झा ने कुछ सदस्यों के साथ मिलकर एक समाचार पत्र में संयुक्त लेख लिखा था। उन्होंने कहा कि झा उनसे क्यों नहीं बोलते? यदि वह ऐसा करता हैं, तो उसे राहुल गांधी के साथ समूह की बैठक में लाया जाएगा। यहां आपको बता दें कि झा ने पंजाब के सांसद मनीष तिवारी के साथ मिलकर एक आर्टिकल लिखा था, जो एक महीने करीब सलाहकार पैनल का हिस्सा थे। तिवारी ने कहा कि मार्च 2015 में उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में पदोन्नत किया गया था, जब मुझे 2014 तक केवल I & B मंत्री होने के बावजूद मीडिया पैनलिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संचार विभाग के अध्यक्ष रणदीप सुरजेवाला को 2015 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। इन नेताओं के बयान से साफ स्पष्ट है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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