Tuesday, June 23, 2020

CWC Meeting में सोनिया गांधी बोलीं- मोदी सरकार हर सही सलाह को सुनने से इनकार करती है

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के बाद भारत-चीन सीमा विवाद ( india-china dispute ) को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति ( CWC meeting ) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Congress President Sonia Gandhi ) की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेता शामिल रहे। बैठक में सबसे पहले लद्दाख में एलएसी के पास गलवान घाटी ( india china standoff galwan valley ) में शहीद भारतीय सेना के 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।

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इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा, "यह कहा जाता है कि दुखद घटनाएं कभी अकेले नहीं आती। भारत एक भयावह आर्थिक संकट, एक भयंकर महामारी और अब चीन के साथ सीमाओं पर एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का कुप्रबंधन और गलत नीतियां इन संकटों का एक प्रमुख कारक हैं। इनके सामूहिक प्रभाव से जहां व्यापक पीड़ा और भय का माहौल है वहां देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने पहले भी आर्थिक संकट पर गहन चर्चा की है। तब से यह आर्थिक संकट और भी गहरा गया है। मोदी सरकार हर सही सलाह को सुनने से इनकार करती है। वक़्त की मांग है कि बड़े पैमाने पर सरकारी खजाने से मदद, गरीबों के हाथों में सीधे पैसा पहुंचाना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की रक्षा करना और उनका पोषण करना और व मांग को बढ़ाना व प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके बजाय, सरकार ने एक खोखले वित्तीय पैकेज की घोषणा की, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद का 1 प्रतिशत से कम ही राजकोषीय प्रोत्साहन था।"

सीमा विवाद पर उन्होंने कहा, "चीन ( Ladakh border Issue ) के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब हमारे सामने बड़े संकट की स्थिति है। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अप्रैल-मई 2020 से लेकर अब तक, चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र और गलवान घाटी, लद्दाख में हमारी सीमा में घुसपैठ की है। अपने चरित्र के अनुरूप, सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है। घुसपैठ की ख़बरें और जानकारी 5 मई 2020 को आई। समाधान के बजाय, स्थिति तेजी से बिगड़ती गई और 15-16 जून को हिंसक झड़पें हुईं। 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए, 85 घायल हुए और 10 'लापता' हो गए जब तक कि उन्हें वापस नहीं किया गया। प्रधानमंत्री के ब्यान ने पूरे देश को झकझोर दिया जब उन्होंने कहा कि किसी ने भी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की।"

सोनिया गांधी ने आगे कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता के मामलों पर पूरा राष्ट्र हमेशा एक साथ खड़ा है और इस बार भी, किसी दूसरी राय का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। कांग्रेस पार्टी ने सबसे पहले आगे बढ़कर हमारी सेनाओं और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने के घोषणा की। हालांकि, लोगों में यह भावना है कि सरकार स्थिति को संभालने में गंभीर रूप से असफल हुई है। भविष्य का निर्णय आगे आने वाला समय करेगा लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सरकार के द्वारा उठाया जाने वाला हर क़दम परिपक्व कूटनीति व मजबूत नेतृत्व की भावना से निर्देशित है।"

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उन्होंने कहा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अमन, शांति और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले जैसी यथास्थिति की बहाली हमारे राष्ट्रीय हित में एकमात्र मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए। हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखेंगे।"

बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि संकट से निपटने के लिए जिस साहस और परिमाण और प्रयास की जरूरत है, उससे महामारी का सामना नहीं किया जा रहा है। एक और उदाहरण सीमा पर संकट के रूप में सामने है। इससे अगर दृढ़ता से नहीं निपटा गया तो गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं।



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