नई दिल्ली। टीम इंडिया के धांसू ओपनर और उपकप्तान रोहित शर्मा ( Rohit Sharma ) विश्व क्रिकेट में हिटमैन के नाम से मशहूर हैं। उन्हें ये नाम उनकी बड़ी-बड़ी पारी खेलने और बड़े शॉट्स लगाने की काबिलियत की वजह से मिली है। 33 वर्षीय रोहित शर्मा नागपुर में जन्मे रोहित शर्मा ने अपने शानदार खेल की बदौलत भारतीय क्रिकेट में खास पहचान बनाई है।
उनके कुछ रिकॉर्ड ऐसे हैं जिन्हें तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए आसान नहीं होगा। अपने खेल के जरिए वह क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों पर राज करते हैं, लेकिन उनके लिए सफलता का यह सफर इतना आसान नहीं था। रोहित शर्मा आज भले करोड़पति हों, लेकिन एक वक्त ऐसा था जब गरीब परिवार में जन्मे रोहित के पास स्कूल फीस भरने तक के पैसे नहीं थे।
30 अप्रैल, 1987 में महाराष्ट्र के नागपुर में गुरुनाथ शर्मा के घर जन्म लेने वाले रोहित शर्मा का बचपन संघर्ष से भरी दास्तां है। पिता एक निजी फर्म में केयर टेकर और मां पूर्णिमा हाउसवाइफ थीं। रोहित जब डेढ़ साल के थे तब पिता परिवार के साथ डोंबिवली में एक कमरे के घर में शिफ्ट हो गए। रोहित के छोटे भाई का नाम विशाल शर्मा है।
Corona से मौत के मामले में तीसरे नंबर पर भारत, अभी तक 62635 लोगों की गई जान
रोहित शर्मा ( Rohit Sharma ) को क्रिकेट का शौक बचपन से ही था, लेकिन गरीबी की वजह से उनके पिता के पास रोहित की स्कूल फीस भरने तक के पैसे नहीं थे। बावजूद इसके रोहित ने सपना देखना नहीं छोड़ा। वह घंटों क्रिकेट खेलते और अपने अंकल के साथ इस खेल की बारीकियों पर चर्चा करते।
रोहित का इस खेल के प्रति जुनून देखकर उनके अंकल और उनके कुछ दोस्तों ने 50-50 रुपए जुटाकर 1999 में उनका दाखिला एक छोटी सी क्रिकेट अकादमी में करा दिया।
रोहित की शिक्षा आवर लेडी वेलान्कन्नी हाई स्कूल और स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल से हुई। जबकि आगे की पढाई के लिए रोहित ने रिजवी कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड कॉमर्स में दाखिला लिया।
अपने दम पर पाया मुकाम
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिस कारण उन्हें पढाई और खेल सम्बन्धित शिक्षा के लिए कई जगह भटकना पड़ा है। नागपुर, महाराष्ट्र के रहने वाले रोहित के पिता एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में कार्यरत थे जिनकी आय घर खर्च हेतु पर्याप्त नही थी। इसी कारण उन्होंने रोहित को उनके दादा जी के यहां मुंबई भेजने का निर्णय लिया।
गरीबी को दी मात
क्रिकेट में करिअर बनाने की राह में रोहित शर्मा के सामने गरीबी बेहद ही बड़ी चुनौती थी। पढाई के साथ-साथ क्रिकेट की कोचिंग के लिए रोहित के पास पैसे नहीं थे और कुछ समय तक रोहित ने खुद ही अपने खेल पर ध्यान दिया। टूटे बल्ले, पुरानी गेंद से ही मैदान में अभ्यास करना शुरू किया। क्रिकेट की ओर लगन को देख एक दिन उनके चाचा ने हिम्मत जुटा कर पास में ही क्रिकेट एकेडमी में बात की और वहां रोहित का दाखिला करा दिया।
Delhi Metro के सख्त नियमों को तोड़ने पर देना होगा कई गुना जुर्माना, जानें और क्या-क्या होंगे नियम
गेंदबाज की जगह बन गए बल्लेबाज
हिटमैन रोहित अपने करियर को एक ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज के रूप में दिशा देना चाहते थे जिस कारण वह क्रिकेट एकेडमी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते लेकिन उनके कोच दिनेश लाड ने उनकी बल्लेबाजी की क्षमता को पहचानते हुए गेंदबाजी से ज्यादा बल्लेबाजी पर ध्यान देने को कहा। तब रोहित को ओपनिंग का मौका दिया गया जिसमें उन्होंने पहले ही मैच में शतक जमाते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खीचना शुरू कर दिया।
जान से ज्यादा बल्ले का ख्याल
इंडियन क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लेने के बाद भी रोहित ( Rohit Sharma ) क्रिकेट के सामान को लेकर काफी परेशान रहते थे। कई बार रोहित को बल्ला अपने साथी खिलाड़ियों से मांगना पड़ता या फिर बल्ले के लिए इंतजार करना पड़ता था। उन्हें पहला बल्ला उनके चाला ने दिलाया था। बल्ला टूट जाने के डर से वह कई बार खुद को शॉट मारने से रोक लिया करते थे या फिर गलत शॉट खेलने की जगह वह अपने शरीर को आगे कर देते ताकि बल्ले को कोई नुकसान न हो।
पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच
क्रिकेटर रोहित को 2005 में देवधर ट्राफी खेलने का मौका मिला जिसके बाद रणजी ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने पर 2007 में उन्हें भारतीय टीम में आयरलैंड के खिलाफ खेलने के लिए जगह दी गई। जिसके बाद से रोहित शर्मा भारतीय टीम के लिए पारी का आगाज करते आ रहे है।
रोहित शर्मा को पहला अंतराष्ट्रीय मैच 23 जून, 2007 को आयरलैंड के खिलाफ खेलने को मिला। जबकि 2013 में रोहित ने भारत के लिए पहली बार सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई। कोलकाता के ईडन गार्डन और वानखेड़े पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में लगातार 177 और नाबाद 111 लगाने के बाद रोहित छा गए। ये बात अलग है कि पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले रोहित शर्मा 108 एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे।
Assembly Election 2020 : जीतन राम मांझी बिहार की राजनीति में इतने खास क्यों हैं?
आईपीएल में हैट्रिक
आईपीएल में हैट्रिक लेने वालों में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का भी नाम शामिल है। रोहित ने आईपीएल में कम ही गेंदबाजी की है। 2009 में डेक्कन चार्जर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ इस मुकाम को हासिल किया था। उस सीजन में रोहित ने हैट्रिक सहित 11 विकेट चटकाए थे। उन्होंने आईपीएल में अब तक कुल 15 विकेट चटकाए हैं। आखिरी बार उन्होंने 2014 आईपीएल में गेंदबाजी की थी।
क्रिकेट के इतिहास हिटमैन के नाम दर्ज हैं ये 5 महान रिकॉर्ड
भारतीय ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। रोहित शर्मा दुनिया के उन चुनिन्दा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने वर्तमान में क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अपना दबदबा बनाया हैं। इसके साथ ही मुंबई इंडियंस को 4 बार आईपीएल का विजेता बनाने वाले रोहित शर्मा इस लीग के सबसे सफल कप्तान भी हैं। आइए हम आपको बताते हैं उनके 5 रिकार्ड्स के बारे में।
1. रोहित शर्मा ने 2019 विश्वकप में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी का नमूना पेश किया जहां उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 5 शतक जड़ दिए। एक विश्वकप में 5 शतक लगाने वाले रोहित शर्मा अब तक इकलौते खिलाड़ी हैं। इससे पहले श्रीलंका के विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगाकारा 2015 विश्वकप में 4 शतक लगा चुके हैं।
2. टी-20 क्रिकेट में विराट कोहली जैसा बल्लेबाज भी आज तक शतक नहीं लगा पाए हैं जबकि रोहित के नाम टी-20 में सबसे ज्यादा 4 शतक लगाने के रिकॉर्ड दर्ज हैं।
3. वनडे में दोहरा शतक लगाने की शुरुआत तो सचिन तेंदुलकर ने बहुत पहले कर दी थी। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग, क्रिस गेल और मार्टिन गप्टिल जैसे कई बल्लेबाजों ने इस कारनामे को अंजाम दिया लेकिन इनमे से रोहित शर्मा इकलौते हैं जो तीन बार इस कारनामे को अंजाम दे चुके हैं। अ
4. रोहित शर्मा 4 बार आईपीएल ट्रॉफी जीतने के बाद इसके सफल कप्तान कहे जा सकते हैं लेकिन हैरानी की बात ये हैं कि उन्होंने ये कारनामा सिर्फ 7 सीजन में किया हैं। आज तक विश्व क्रिकेट की किसी भी लीग में कोई कप्तान 7 में से 4 लीग जीतने में कामयाब नहीं हुआ है।
5. रोहित शर्मा वनडे में 250 के स्कोर का आंकड़ा पार करने वाले इकलौते बल्लेबाज हैं। रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ 264 रनों की पारी खेली थी जो वनडे क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3baSuN8