नई दिल्ली। दिल्ली से करीब 50 किलोमीटर दूर सोनीपत में मशहूर Amreek Sukhdev Dhaba और बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र गरम धरम ढाबे 81 कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटव पाया गया है। जिसकी वजह से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत 6 राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढऩे की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल के लिए दोनो ढाबों को सील कर दिया गया है। वहीं जितने कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है उन्हें क्वारिंटाइन कर दिया गया है।
हरकत में आया प्रशासन
सुखदेव ढाबे पर 71 और गरम धरम ढाबे पर 10 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। जिसके बाद से प्रशासन हरकत में आ गया है। प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती ये है कि पिछले दिनों जो लोग इन ढाबों में खाना खाने के लिए आए और उन कर्मचारियों के संपर्क में उनकी पहचान कैसे हो? प्रशासन के लिए भी ऐसे लोगों की पहचान करना टेड़ी खीर नजर आ रही है। आपको बता दें कि इन दोनों ही ढाबों में रोजाना हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब समेत छह राज्यों से 10 हजार से ज्यादा लोग खाना खाने के लिए आते हैं। ऐसे में इन छह राज्यों में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है।
सील किए गए दोनों ढाबे
मीडिया से बातचीत करते हुए एसडीएम विजय सिंह ने कहा कि सुखदेव ढाबे पर कार्यरत 71 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आए हैं। प्रशासन की ओर से 319 कर्मचारियों की सैंपलिंग कराई गर्ठ थी। सैनेटाइजेशन का प्रोसेस जारी है। जितने कर्मचारियों को पॉजिटिव पाया गया है उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन ढाबों में मामले सामने आने के बाद अब सभी ढाबों में सैंपलिंग कराई जा रही है। सभी मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के रूल्स को फॉलो करने को कहा गया है।
बिहार से बुलाए गए थे कामगार
मीडिया रिपोर्ट में ढाबा संचालक अमरीक सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनके कर्मचारी गांव चले गए थे। करीब 4 दिन पहले ही बिहार से बसों के माध्यम से 100 कामगारों को बुलाया गया था। जिसकी जानकारी प्रशासन को दी गई थी और कोरोना जांच के लिए भी कहा गया था। जिसके बाद ही सभी मामले सामने निकलकर आए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-पानीपत हाईवे पर कोंडली बॉर्डर से मुरथल तक पांच बड़े ढाबे हैं, जिनकी रोजाना की बिक्री पांच लाख तक है। वहीं 18 मध्यम स्तर के ढाबे हैं जिनकी बिक्री ढाई से तीन लाख तक है। इसके अलावा 60 छोटे-छोटे ढाबे हैं जहां ट्रक या दूसरी सवारी गाडिय़ां रुकती है। इनकी आमदनी 30 हजार तक हैं।
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