Friday, September 25, 2020

पहले ईस्ट इंडिया कंपनी आई, अब वेस्ट इंडिया कंपनी आ गई - Rahul Gandhi

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में पारित कृषि से संबंधित तीन विधेयकों के खिलाफ किसान संगठनों की ओर से शुक्रवार को भारत बंद किया गया। कांग्रेस ने इस बंद का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान चलाया। जबकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने देश के चुनिंदा किसानों से वर्चुअली बात कर विधेयकों के बारे में किसानों की राय को जाना।

वर्चुअल बातचीत में किसानों ने वयनार से सांसद राहुल गांधी से कहा कि सरकार अंधा कानून लेकर आई है। वहीं राहुल ने तंज कसते हुए कहा कि पहले जहां ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी, अब उनकी जगह वेस्ट इंडिया कंपनी आ गई है।

कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए राहुल गांधी ने कई किसानों से बात की। इस दौरान राहुल ने किसानों से इन कानूनों से डर लगने के कारण पूछे।

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एमएसपी से कम पर खरीद दंडनीय अपराध

इसके जवाब में बिहार के चंपारण के किसान धीरेंद्र कुमार ने राहुल गांधी से कहा कि यह अंधा कानून है। गरीबों-किसानों का शोषण हो रहा है। राहुल के समर्थन मूल्य पर पूछे गए सवाल के जवाब में हरियाणा के झज्जर के किसान ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि यदि एमएसपी से कम पर कोई खरीद करता है तो उसको दंडनीय अपराध कहना चाहिए।

किसानों का नहीं होगा भला

महाराष्ट्र के भंडार गांव के पंकज तनिराम मटेरे ने इन विधेयकों से किसानों का भला नहीं होगा, लेकिन कंपनियों के मजे हो जाएंगे। यदि किसी कंपनी ने सस्ते में माल खरीद लिया तो गरीब किसान उससे लडऩे कहां जाएगा।

किसान बनेगा मर्जी का मालिक या पूंजी का गुलाम!

महाराष्ट्र के यवतमाल के किसान ओमप्रकाश देशमुख ने साफ कहा कि यह कानून कॉरपोरेट को फायदा देने के लिए बनाए गए हैं। पहीं राकेश जाखड़ ने कहा कि यह लोग आड़तिये को दलाल कह रहे हैं। दलाल तो अब आ जाएंगे। हर चीज का निजीकरण करने में लगे हुए हैं। रेलवे-एयरपोर्ट को बेच दिया है।

किसान की आवाज, देश की आवाज

किसानों से बातचीत दौरान राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कहा कि इसका विरोध करना ही होगा। सिर्फ किसान के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए करना होगा। किसान की आवाज देश की आवाज है। किसान की आवाज से देश आजाद हुआ था।

उन्होंने कहा कि किसानों को मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। किसान भाइयों की बुलंद आवाज के साथ हम सब की आवाज़ भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि कानूनों का विरोध करता है।



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