नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मंगलवार को टेलीकॉम कंपनियों ( Telecom Companies ) को बड़ी राहत देते हुए एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी एजीआर ( AGR Dues ) की बकाया रकम चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। शर्त एक है कि समय से लेने से पहले टेलीकॉम कंपनियों को कुल एजीआर का 10 फीसदी तुरंत भुगतान करना होगा। वहीं कंपनियों को एजीआर भुगतान का बकाया जमा करने का हलफनामा भी दाखिल करना होगा। कंपनियां 10 साल तक पेमेंट करने में सक्षम नहीं होती हैैं तो ब्याज के साथ पेनाल्टी भी लगाई जाएगी। आपको बता दें कि सरकार की इच्छा थी कंपनियों को 20 साल का समय दिया जाए।
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1 अप्रैल से शुरू होगा टेन्योर
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और एमआर शाह की बेंच ने फैसले में कहा कि एजीआर बकाए की 10 साल की टाइमलाइन 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगी। कंपनियों 31 मार्च 2031 तक एजीआर की पूरी रकम चुकानी होगी। सुप्रीम कोर्ट इस बात को भी स्पष्ट कर दिया कि कोई भी कंपनी एजीआर की रकम का रीवैल्यूएशन नहीं कर सकती है। वहीं सरकार चाहती थी कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया रकम चुकाने के लिए 20 साल के लिए वक्त दिया जाए। एयरटेल की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोई भी इस फैसले के खिलाफ याचिका डाल सकती है।
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हर साल 7 फरवरी को देनी होगी किस्त
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सालाना इंस्टॉलमेंट की तारीख 7 फरवरी होगी। वहीं कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर को इस बात का हलफनामा देना होगा कि वह तय समय पर बकाए का भुगतान करेंगे। वहीं कोर्ट की ओर से मौजूदा बैंक गारंटी कारोबार चलाते रहने के लिए कहा है। आपको बता दें कि एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट ने पहला फैसला 24 अक्टूबर 2019 को आया था। उसके बाद वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि कंपनी को राहत नहीं मिली तो उसे भारत छोड़कर जाना होगा।
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