नई दिल्ली। कच्चे तेल, पेट्रोलियम उत्पाद और धातुओं के दाम में भारी इजाफा होने से बीते महीने मार्च में सालाना थोक महंगाई दर जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। मार्च के महीने में फरवरी के मुकाबले 3 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसकी वजह से मार्च में थोक महंगाई 7.30 फीसदी से ज्यादा हो गई है, जो देश में 8 साल का उच्चतम स्तर है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़े पेश किए गए थे।
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थोक महंगाई ने तोड़ा आठ साल पुराना रिकॉर्ड
गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में थोक महंगाई दर बढ़कर 7.39 फीसदी हो गई। इससे पहले फरवरी में थोक महंगाई दर 4.17 फीसदी दर्ज की गई थी। यानी थोक महंगाई दर में 3 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है। दूसरी ओर मार्च में थोक महंगाई दर ने आठ सालों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। इसस पहले थोक महंगाई दर इस स्तर के आंकड़े 2013 में यूपीए 2 के दौर में देखने को मिले थे।
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किसमें कितना इजाफा
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर बीते महीने 7.39 फीसदी रही। थोक मूल्य सूचकांक में सबसे ज्याद भारांक (64.2 फीसदी) वाले विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों की कीमतों में 7.34 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि फ्यूल और पॉवर (13.2 फीसदी भारांक) की कीमतों में 10.25 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं, प्राइमरी आर्टिकल्स (22.6 फीसदी भारांक) की महंगाई 6.40 फीसदी बढ़ी।
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खाद्य सूचकांक में भी इजाफा
खाद्य सूचकांक (24.4 फीसदी भारांक) में मार्च महीने के दौरान 5.28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। खाद्य सूचकांक में प्राइमरी आर्टिकल्स और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादों में से खाद्य उत्पाद शामिल होते हैं। इससे पहले फरवरी 2021 में खाद्य सूचकांक में 3.31 फीसदी का इजाफा हुआ था।
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