नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था और लोगों पर मुसीबत का चौतरफा हमला हो रहा है। एक ओर, वायरस से लोगों में फिर डर का माहौल बन गया है, तो दूसरी तरफ खुदरा महंगाई बढऩी शुरू हो गई है। औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है। इन सबके बीच अब रोजगार को लेकर भी निराश करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रेल, 2021 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान शहरी बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है।
दोनों दरों में इजाफा-
रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रेल को खत्म हुए सप्ताह के दौरान शहरी बेरोजगारी दर 9.81 प्रतिशत हो गई है। वहीं 28 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान यह 7.72 प्रतिशत थी। रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण बेरोजगारी दर भी बढ़कर 8 फीसदी पर पहुंच गई है। मार्च के अंत में यह 6.18 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय दर में भी हुई वृद्धि-
राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 28 मार्च को 6.65 फीसदी पर थी, जबकि 11 अप्रेल को यह बढ़कर 8.58 प्रतिशत पर पहुंच गई है। मार्च के दो हफ्तों में इसमें 1.93 फीसदी का उछाल आया है। कोविड के मामले लगातार बढऩे के साथ जहां एक ओर लॉकडाउन की आशंका बढ़ गई है, वहीं छंटनी का खतरा भी फिर से मंडराने लगा है। इसके चलते लोगों में फिर निराशा बढ़ रही है।
सर्वे में दावा, सैलरी और भर्ती में इजाफा-
कैट के मुताबिक, विभिन्न राज्यों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से रिटेल व्यापार को बीते सप्ताह 30 फीसदी का नुकसान हुआ है। इधर, स्टाफिंग कंपनी जीनियस कंसल्टेंट्स के एक सर्वे में बताया गया है कि कोरोना संकट के बावजूद 59 प्रतिशत कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी 5 से 10 प्रतिशत के बीच बढ़ा सकती हैं। सर्वे में 1200 कंपनियों ने हिस्सा लिया। 43% कंपनियों ने फ्रेशर्स की भर्ती की बात कही है। 41 प्रतिशत ने कहा कि अनुभवी लोगों के लिए नौकरी के मौके बनेंगे।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3g8qvSF