नई दिल्ली। कोविड संकट ने भारतीय आवासीय अचल संपत्ति बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में शीर्ष 150 वैश्विक शहरी केंद्रों में भारतीय शहरों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। इसमें शीर्ष 30 शहरों ने 2020 के अंत में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की, लेकिन सूची में शामिल आठ भारतीय शहरों में आवासीय कीमतों में गिरावट आई है, इनमें चेन्नई आठवें पायदान पर रहा है। केवल हैदराबाद शहर ने कीमतों में मामूली वृद्धि दर्ज की है। चेन्नई के अलावा बेंगलूरु, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और पुणे का नाम सूची में शामिल है। इन शहरों में आवासीय कीमतों में कमी दर्ज की गई है।
दुनिया के टॉप 10 शहर -
लिस्ट में दुनिया के टॉप 10 शहरों में आवासीय कीमतों में जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें अंकारा ने 30.2 फीसदी, इस्तांबुल ने 27.9 फीसदी, ऑकलैंड ने 26.4 फीसदी, पीटर्सबर्ग ने 25.4 फीसदी, सोल ने 22.3 फीसदी, ओटावा ने 19.7 फीसदी, लग्जमबर्ग ने 13.6 फीसदी, सेन डियागो ने 13 फीसदी, कोपेनहेगन ने 11.5 फीसदी और मीनियापॉलिस ने 10.2 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की है।
दक्षिण भारत में सबसे अधिक बढ़ी संपत्ति की कीमत-
जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान देश के दक्षिणी बाजारों में संपत्ति की कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। मैजिकब्रिक्स प्रॉपइंडेक्स की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि मूल्य के नजरिए से देश के दक्षिणी क्षेत्र में 2021 की पहली तिमाही में निर्माणाधीन और तैयार दोनों सेगमेंट में सबसे अधिक मूल्य वृद्धि दर्ज की गई है। चेन्नई में कीमतें 1.5 प्रतिशत बढ़ी हैं, जबकि हैदराबाद और बेंगलूरु में क्रमश: 1.3 प्रतिशत और 1 प्रतिशत की दर से मूल्य वृद्धि हुई है। पश्चिम की बात करें तो मुंबई में 1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि ठाणे में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तर भारत में गुरुग्राम और नोएडा में क्रमश: 0.7 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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