नई दिल्ली। फिच सॉल्यूशंस का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के एक लाख करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करने के फैसले से लगता है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंक मुख्य नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करेगा। मार्च, 2022 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं लगती है। फिच का कहना है कि हमें शुरुआत में यह लगा था कि फरवरी में बजट की घोषणा के बाद से सरकारी बॉन्ड प्राप्ति में वृद्धि की गति को थामने के लिए नीतिगत दर में एक और कटौती की जा सकती है।
मुद्रास्फीतिक दबाव-
फिच ने कहा कि हम अपने पिछले पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए यह कहते हैं कि रिजर्व बैंक वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चार प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रखेगा। इससे पहले हमने वर्ष के दौरान 0.25 प्रतिशत कटौती का अनुमान व्यक्त किया था। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति के अनुमान को भी संशोधित कर औसतन पांच प्रतिशत करते हैं, जो पहले के 4.6 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
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