Thursday, March 3, 2022

मेडिकल की पढ़ाई के लिए अब नहीं जाना होगा यूक्रेन, आनंद महिंद्रा का वादा, भारत में ही उपलब्ध होगी सुविधा

यूक्रेन में रूस के हमले के कारण हजारों की संख्या में भारतीय छात्र वहाँ फंसे हुए हैं। इन छात्रों को भारत सरकार ऑपरेशन गंगा अभियान तहत वहाँ से निकाल रही है। इस जंग में भारत के एक छात्र की मौत भी वो हो गई है जिसने भारत के मेडिकल सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ये कि आखिर ये छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जैसे देशों का रुख क्यों करते हैं। कारण कई सामने आए हैं जिसमें मेडिकल संस्थानों की हाई फीस और पढ़ाई की सुस्त व्यवस्था भी शामिल रही। अब आनंद महिंद्रा मेडिकल सिस्टम में चल रही इन परेशानियों के हल के लिए आगे आए हैं। उन्होंने देश में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है।

महिंद्रा युनिवर्सिटी में खुल सकता है मेडिकल कॉलेज

दरअसल, ट्विटर पर द्योगपति और महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट को Quote किया है। उन्होंने इस ट्वीट में कहा, "मुझे नहीं पता था कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की इतनी कमी है।"

उन्होंने टेक महिंद्रा के सीईओ सी. पी. गुरनानी टैग करते हुए कहा, "क्या हम हम महिंद्रा युनिवर्सिटी में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर विचार कर सकते हैं?

इसका अर्थ है कि आनंद महिंद्रा मेडिकल कॉलेज की स्थापना करने के साथ ही उसकी फीस का भी खास ख्याल रखेंगे जिससे वो देश में ही रहकर अच्छी पढ़ाई कर सकें।

मजबूरी में देश के छात्र जाते हैं विदेश

बता दें कि National Medical Commission के अनुसार, एक वर्ष में कुल 90,825 MBBS सीटों के साथ 605 मेडिकल कॉलेज हैं और लगभग 1.6 मिलियन छात्रों ने 2021 में MBBS प्रवेश के लिए NEET की परीक्षा पास की थी।

स्पष्ट है 16 में से केवल एक छात्र ही भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए चुना जाता है। ऐसे में वो यूक्रेन, बेलारूस, रूसी, जॉर्जिया, आर्मेनिया, चीन, फिलीपींस जैसे देशों का रुख करते हैं जो भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में अच्छा है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3RA7nKD