सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी किया है। उनकी ये याचिका बैंक लोन फ्रॉड से जुड़ी हुई है। सुब्रमण्यम स्वामी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर बैंक लोन धोखाधड़ी मामलों में RBI के नामित निदेशक की भूमिका की CBI जांच की मांग की थी।
स्वामी ने RBI के उन अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जो बैंकों के बड़ी मात्रा वाले लोन का हिस्सा थे जो बाद में लोन धोखाधड़ी या चूककर्ता बन गए। अपनी याचिका में, उन्होंने कहा कि RBI के उन अधिकारियों की भूमिका की CBI द्वारा जांच की जानी चाहिए और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफलता और बैंक लोन धोखाधड़ी के साथ उनकी मिलीभगत की भूमिका की जांच की जानी चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि लोन धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे कई मामलों की जांच लंबित है। याचिका में दोहराया गया है कि ऐसे सभी लोन को बैंकों के बोर्ड में RBI के अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया जाता है और इसलिए RBI के अधिकारियों को इन बड़ी मात्रा वाले लोन को मंजूरी देने के लिए जांच की जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि बैंक RBI के अधिकारियों की मंजूरी के बिना इस तरह के बड़ी मात्रा वाले लोन का वितरण नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे स्पष्ट रूप से सक्रिय मिलीभगत कर रहे हैं और अपने वैधानिक कर्तव्यों का गंभीर उल्लंघन कर रहे हैं।
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