नई दिल्ली। अगर सरकार द्वारा 6 साल पहले इस योजना को नहीं लाया जाता तो कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के दौरान गरीब लोगों, किसानों, गरीब महिलाओं, दिव्यांगों को आर्थिक मदद देना काफी मुश्किल हो जाता। जी हां, इस योजना से बीते 6 सालों में 40 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। यह योजना कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री जनधन योजना ( Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana ) है। इन खातों की वजह से देश के करोड़ों लोगों काफी मदद पहुंची है। इसलिए इस योजना को अभी तक बंद नहीं किया गया है। आइए आपको भी बताते हैं इस योजना के तहत खातों को लेकर किस तरह की जानकारी सामने आई है।
40 करोड़ खातों में 1.30 लाख करोड़ जमा
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत के छह सालों बाद अब इस योजना के 40 करोड़ लाभार्थी हो चुके हैं। यह जानकारी सरकारी आंकड़ों से सामने आई है। पीएमजीडीवाई की वेबसाइट के अनुसार, यह वित्तीय समावेशन कार्यक्रम 2014 में शुरू किया गया था और 22 जुलाई तक इसके तहत कुल 40.05 करोड़ खाते खाले जा चुके हैं, और इन खातों में कुल 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा है।
2014 में हुई थी इसकी शुरुआत
वित्तीय सेवा विभाग डीएफएस ने सोमवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन पहल पीएमजेडीवाई ने एक और मील का पत्थर हासिल किया। इस योजना के तहत खुले कुल खातों की संख्या 40 करोड़ को पार कर गई। वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत यह योजना 28 अगस्त, 2014 को प्रारंभ में चार साल के लिए लांच की गई थी। इसका उद्देश्य हरेक परिवार में कम से कम एक बैंक खाता खोलना, वित्तीय साक्षरता, क्रेडिट, बीमा और पेंशन तक पहुंच कराने का था। सरकार ने बाद में इस योजना को 2018 के बाद भी जारी रखने का निर्णय लिया और इसका फोकस प्रत्येक परिवार में हरेक वयस्क का खाता खोलना कर दिया।
इस तरह से बढ़ाई गई सुविधाएं
ओवरड्रॉफ्ट लिमिट 5,000 रुपए बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई और पीएमजेडीवाई के सक्रिय खातों के लिए 2,000 रुपए तक ओवर ड्राफ्ट हासिल करने के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई। ओवर ड्रॉफ्ट हालिस करने के लिए आयु सीमा 18-60 साल को संशोधित कर 18-65 साल कर दी गई और नए रुपे कार्ड धारकों के लिए दुर्घटना बीमा कवर 28 अगस्त, 2018 के बाद खोले गए नए पीएमजेडीवाई खातों के लिए एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया।
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